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मुख्यमंत्री ने विकसित असम के लिए आई-वे का दिया सुझाव

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मुख्यमंत्री ने विकसित असम के लिए आई-वे का दिया सुझाव


- राज्य सरकार डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र के साथ एक नया असम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है: मुख्यमंत्री

- मुख्यमंत्री ने केंद्रीय संचार मंत्री से 4000 वन गांवों को दूरसंचार कनेक्टिविटी के तहत लाने का किया अनुरोध

गुवाहाटी, 25 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि डिजिटल ट्रांसमिशन के युग में, कनेक्टिविटी प्रगति की जीवन रेखा है, और असम तेज गति के विकास को प्राप्त करने के लिए इस क्रांति का नेतृत्व करने में दृढ़ है। मंगलवार को गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन के एक भाग के रूप में विकसित असम के लिए आई-वे नामक विषयगत सत्र में अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए, केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया की उपस्थिति में, मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि असम भारत सरकार के सक्रिय समर्थन के साथ डिजिटल क्रांति में एक मजबूत हितधारक बनने के लिए पूरी तरह तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत अब एक अभूतपूर्व डिजिटल क्रांति देख रहा है। क्रांति के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए उन्होंने राज्य भर में साइबर फुटप्रिंट बढ़ाने के लिए अपनी सरकार की योजना प्रस्तुत की। डेटा की लगातार बढ़ती जरूरत पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी द्वारा असम में एआई सक्षम डेटा सेंटर और एचडीएफसी द्वारा इसी तरह का डेटा सेंटर स्थापित करने की घोषणा का जिक्र करते हुए कहा कि हाई स्पीड डेटा की जरूरत होगी। इसलिए, उन्होंने केंद्रीय मंत्री से ब्रह्मपुत्र के माध्यम से बंगाल की खाड़ी से ऑप्टिकल फाइबर लाने की व्यवहार्यता का अध्ययन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि एक बार साकार होने पर, यह असम में तेज और विश्वसनीय डेटा प्राप्त करने में एक गेम चेंजर साबित होगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि चूंकि बीपीओ अपने ठिकानों को टियर 1 शहरों से टियर 2 और टियर 3 शहरों में स्थानांतरित कर रहे हैं, इसलिए आने वाले दो से तीन वर्षों में गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और जोरहाट जैसे शहरों में कई बीपीओ होंगे और इसके परिणामस्वरूप हाई स्पीड डेटा की आवश्यकता होगी।

उन्होंने कहा कि एक दशक पहले, प्रधानमंत्री ने प्रत्येक नागरिक को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के परिवर्तनकारी लक्ष्य के साथ डिजिटल इंडिया मिशन का नेतृत्व किया था। डॉ. सरमा ने प्रधानमंत्री के इस दृष्टिकोण की सराहना की कि डिजिटलीकरण का लाभ समाज के अंतिम छोर तक पहुंचे और समाज के सबसे वंचित वर्ग का भी उत्थान हो। उन्होंने यह भी कहा कि असम सरकार की 25,250 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना है। इसलिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि वे इस परियोजना को जल्द ही पूरा करने में मदद करें, ताकि किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को लाभ मिल सके।

डॉ. सरमा ने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी रोडमैप के अनुसार असम सरकार एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जो असम के डिजिटल परिदृश्य को बदलने के लिए एक मजबूत नींव रखे। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य आई-वे से विकसित असम का मार्ग प्रशस्त करना है, नए अवसरों को खोलना है और पूरे राज्य में समग्र विकास को आगे बढ़ाना है।

उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक विकास को गति देने, शिक्षा को बढ़ाने और शासन में सुधार करने में आईटी और दूरसंचार क्षेत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, राज्य सरकार ने डिजिटल डिवाइड को पाटने, अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने और पूरे राज्य में दूरसंचार सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए इन क्षेत्रों का विस्तार और आधुनिकीकरण करने के लिए साहसिक कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि जगीरोड में सेमीकंडक्टर सुविधा को आकार दिए जाने के साथ ही असम अब विभिन्न अवसरों का केंद्र बन रहा है। टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन द्वारा 30,000 करोड़ रुपये की वित्तीय लागत से मोबाइल विनिर्माण इकाई स्थापित करने की रुचि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अन्य राज्यों में जाने के बिना राज्य में ही रोजगार मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री को उनकी उदारता के लिए धन्यवाद् देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी वजह से असम में आई-वे ने अभूतपूर्व विकास किया है। इसलिए उन्होंने कहा कि असम सरकार आई-वे को एक बल गुणक के रूप में उपयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार है ताकि विकसित असम को प्राप्त किया जा सके।

इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ने कहा कि असम में भारत के विकास का संभावित इंजन बनने की पूरी क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके स्थानिक लाभ और अपार संभावनाओं को देखते हुए यह न केवल आसियान देशों का प्रवेश द्वार है, बल्कि यह पूरे ग्लोबल साउथ का प्रवेश द्वार और एक विनिर्माण व रसद पावर हाउस है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य जिस तेजी से विकास कर रहा है, उसे देखते हुए इसमें प्रधानमंत्री के विकसित भारत के सपने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने की पूरी क्षमता है। इस अवसर पर आईटी मंत्री केशव महंत, विशेष मुख्य सचिव सईदैन अब्बासी, नोकिया इंडिया के कंट्री हेड तरुण छाबड़ा, मोबाइल बिजनेस एंड डिवाइसेज रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के अध्यक्ष सुनील दत्त, बीएसएनएल के सीएमडी ए रॉबर्ट जे रवि और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश