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असम का गौरव वैश्विक मंच पर चमका: दिलीप सैकिया

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असम का गौरव वैश्विक मंच पर चमका: दिलीप सैकिया


- असम की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर पहचान

- पीएम मोदी ने झूमुर नृत्य का किया उद्घाटन

- भाजपा सरकार असम की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के लिए प्रतिबद्ध

गुवाहाटी, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की असम यात्रा के दौरान समृद्ध चाय जनजाति एवं आदिवासी समुदाय के 'झूमुर' नृत्य को विश्व मंच पर प्रस्तुत किया गया है, जो राज्य के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस उत्सव के माध्यम से असम की सांस्कृतिक विविधता, एकता और भाईचारे को दर्शाया गया है। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा एवं भाजपा नीत सरकार द्वारा इस ऐतिहासिक पहल को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दर्शाई गई है। इस अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने कहा कि भाजपा हर समुदाय के विकास के लिए संकल्पबद्ध है।

असम की चाय संस्कृति का उत्सव

प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में आयोजित 'झूमुईर बिनंदिनि' कार्यक्रम पर अध्यक्ष सैकिया ने कहा, यह असम की चाय संस्कृति के लिए स्वर्णिम क्षण है। प्रधानमंत्री की उपस्थिति से इस कार्यक्रम का महत्व बढ़ गया है। चाय जनजाति और आदिवासी समुदाय की संस्कृति को वैश्विक मंच पर लाने की यह पहल सराहनीय है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के इस दूरदर्शी प्रयास के लिए सैकिया आभार व्यक्त करते हैं। भारतीय जनता पार्टी सांस्कृतिक और भौगोलिक राष्ट्रवाद की पार्टी है, जो देश की सांस्कृतिक विरासत, आध्यात्मिक चिंतन और आर्थिक प्रगति के लिए निरंतर कार्य कर रही है। भाजपा सरकार के नेतृत्व में वंचित और विलुप्तप्राय समुदायों की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने की परंपरा जारी रहेगी। 'झूमुईर बिनंदिनि' इसका उत्कृष्ट उदाहरण है।

सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्धता

अध्यक्ष सैकिया ने कहा, हमारी सरकार असम के प्रत्येक समुदाय के उत्थान के लिए समान रूप से प्रतिबद्ध है। सांस्कृतिक संवर्धन के साथ-साथ हम इन समुदायों के आर्थिक विकास के लिए भी कार्य कर रहे हैं। बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन में जारी शांति और विकास, जिससे 35 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं, 'ट्रिपल इंजन' सरकार की समावेशी विकास नीति का प्रमाण है। यह गति आगे भी बनी रहेगी।

चाय जनजाति समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाएं

चाय जनजाति समुदायों के विकास के लिए भाजपा की पहलों को उजागर करते हुए सैकिया ने कहा, हमारी सरकार ने चाय बागान मजदूरों की मजदूरी को 251 रुपये तक बढ़ाया, चाय बागान क्षेत्रों में 200 से अधिक सरकारी विद्यालय स्थापित किए, चाय जनजाति एवं आदिवासी उम्मीदवारों के लिए सरकारी नौकरियों के वर्ग III और वर्ग IV पदों में 3 फीसदी आरक्षण दिया और आदिवासी उम्मीदवारों के साथ मिलकर ऐतिहासिक आदिवासी शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके अतिरिक्त, 850 चाय बागानों में सड़क निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जबकि शहीद दयाल दास पनिका योजना के तहत, चाय-जनजाति समुदायों के आठ हजार युवाओं को 25 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसके अलावा, मालती ओरांग के सम्मान में 15 लाख रुपये के अनुदान से प्रत्येक चाय बागान में सांस्कृतिक मंचों का निर्माण किया जा रहा है। ये कल्याणकारी उपाय चाय-जनजाति समुदायों के विकास और सशक्तिकरण के लिए भाजपा की ईमानदार प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

असम की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाना

प्रधानमंत्री की यात्रा पर चर्चा करते हुए, अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने कहा, भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम 'झुमुईर बिनंदिनी' और हाई-प्रोफाइल निवेश शिखर सम्मेलन 'एडवांटेज असम 2.0' में प्रधानमंत्री की भागीदारी न केवल असम के गौरव को बढ़ाती है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर राज्य के महत्व को भी बढ़ाती है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश