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गैरसैण में अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के मुख्यालय का शुभारंभ

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गैरसैण में अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के मुख्यालय का शुभारंभ


-विधानसभा भवन में चल रहे ई-विधान एप्लिकेशन के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया

गोपेश्वर, 25 फरवरी (हि.स.)। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण, भराड़ीसैण स्थित विधानसभा भवन में मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के मुख्यालय का विधिवत उद्घाटन किया। इस संस्थान की स्थापना का उद्देश्य राज्य के शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और नीति-निर्माताओं को एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करना है, जहां उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की शोध एवं प्रशिक्षण सुविधाऐं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह संस्थान उत्तराखंड को ज्ञान-विज्ञान और नीति-निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

उद्घाटन समारोह के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “यह संस्थान उत्तराखंड के विकास को नई दिशा देने का कार्य करेगा। शोध और प्रशिक्षण के माध्यम से नीति-निर्माण की प्रक्रिया अधिक प्रभावी एवं सुदृढ़ होगी, जिससे राज्य के विकास को गति मिलेगी। उद्घाटन कार्यक्रम के उपरांत, विधानसभा अध्यक्ष ने ई-विधान एप्लिकेशन के माध्यम से विधानसभा में हो रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की और इस डिजिटल प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन पर संतोष व्यक्त किया।

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि ई-विधान प्रणाली के तहत विधानसभा की कार्यवाही अब पूरी तरह से पेपरलेस, तेज़ और पारदर्शी होगी। इस प्रणाली से विधानसभा की सभी प्रक्रियाओं का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा, जिससे विधायकों को अपनी भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड विधानसभा को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना हमारा लक्ष्य है। देहरादून विधानसभा भवन की तरह ही हम गैरसैंण विधानसभा भवन को भी डिजिटल बनाएंगे। इस माध्यम से विधानसभा की सभी प्रक्रियाऐं सुगम और पारदर्शी होंगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी। यह पहल डिजिटल इंडिया अभियान को भी सशक्त बनाएगी।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने भराड़ीसैण विधानसभा भवन के प्रांगण में हार्टिकल्चर की महिला समूह के साथ मिलकर सेब के पौधों का रोपण किया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “उत्तराखंड की जलवायु सेब उत्पादन के लिए अनुकूल है। महिलाओं के इस समूह के साथ मिलकर पौधरोपण करना न केवल हरित उत्तराखंड की दिशा में एक कदम है, बल्कि इससे स्थानीय महिलाओं को आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।“ उन्होंने महिला समूह के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की पहलों से स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, कृषि और बागवानी क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी तथा प्रदेश की आर्थिकी मजबूत होगी।

हिन्दुस्थान समाचार / जगदीश पोखरियाल