शारदीय नवरात्र की पूर्व संध्या पर गाजे बाजे के साथ निकली कलश यात्रा
24 वर्षों से शक्ति वाहिनी के तत्वाधान में निकाली जा रही है यात्रा
अयोध्या, 2 अक्टूबर (हि.स.)। शारदीय नवरात्र की पूर्व संध्या पर बुधवार को शक्तिवाहिनी के संयोजन में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सरयू तट से वरुण आह्वान के साथ भव्य कलश यात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली गई। मां के जयकारों के साथ शक्ति वाहिनी की अगुवाई में निकली यात्रा सरयू तट से शुरू होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई छोटी देवकाली मंदिर पहुंची। यात्रा का संयोजन केंद्रीय दुर्गापूजा व रामलीला समन्वय समिति तथा शक्ति वाहिनी के संयुक्त संयोजन से किया गया। यात्रा नयाघाट, बाबू बाजार, श्रृंगारहाट, हनुमानगगढ़ी, हरिद्वारी बाजार होती हुई छोटी देवकाली मंदिर पहुंची। यात्रा का आचार्य पीठ तिवारी मंदिर के सामने महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती राजलक्ष्मी त्रिपाठी ने माता जी की आरती कि और बताया कि माता का अनुष्ठान प्रतिपदा को शुभ मुहूर्त में करना चाहिए और विसर्जन दशमी तिथि को ही करना चाहिए यही शास्त्रों का मत है। माता रानी के यात्रा का दर्जनों स्थानों पर स्वागत हुआ और लोगों ने पुष्प वर्षा की।
केंद्रीय समिति के संयोजक महंत धनुषधारी शुक्ला ने बताया कि पिछले 24 वर्षों से यह यात्रा अनवरत नवरात्रि के पूर्व संध्या पर निकाली जाती है। अध्यक्ष रमापति पांडे ने बताया कलश यात्रा सनातन परंपरा का एक अंग है जिसमें कोई अनुष्ठान प्रारंभ करने से पहले हम किसी पवित्र नदी से जल भरते है। नवरात्रि प्रारंभ के पूर्व मां सरयू के जल का पूजन करके कलश में भरकर अपने अपने घरों मे मां की स्थापना पूजन करेंगी।
शक्ति वाहिनी प्रमुख बिंदु सिंह ने बताया कि बड़े ही उत्साह के साथ माताएं बहने माता की कलश यात्रा में शामिल होती हैं और यही कलश स्थापित करके 9 दिन तक पूजा करती है। उन्होंने सभी बहनों का आभार व्यक्त किया।दुर्गापूजा समिति के प्रवक्ता भानुप्रताप सिंह ने बताया कि बुधवार से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रहा है। अयोध्या धाम में 57 स्थान पर प्रतिमा बैठेगी 19 स्थान पर अस्थाई पूजा स्थल है कल 76 स्थान पर नवरात्रि की प्रतिपदा से पूजन प्रारंभ हो जाएगा। शास्त्री नगर में श्याम सुंदर कसेरा, श्रृंगार हाट में ज्योति गुप्ता, रंजीतगुप्ता, सुंदर जायसवाल, कपिलगंज में पूर्व पार्षद नंदलाल गुप्ता युवराज मोदनवाल, हनुमानगढ़ी पर सुरेश मोदनवाल जितेंद्र मोदनवाल बैजनाथ मोदनवाल ओमकार मोदनवाल के नेतृत्व में कुछ वर्ष हुई और प्रसाद वितरण किया गया । देवकली पर प्रसाद वितरण कर यात्रा का समापन हुआ।अशोक शास्त्री ने वरुण पूजन कराया।
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय