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अक्षय नवमी का शुभ कार्य अक्षय पुण्य भंडार के रूप में रहता है सुरक्षित : स्वामी चिदात्मन जी

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अक्षय नवमी का शुभ कार्य अक्षय पुण्य भंडार के रूप में रहता है सुरक्षित : स्वामी चिदात्मन जी
अक्षय नवमी का शुभ कार्य अक्षय पुण्य भंडार के रूप में रहता है सुरक्षित : स्वामी चिदात्मन जी


अक्षय नवमी का शुभ कार्य अक्षय पुण्य भंडार के रूप में रहता है सुरक्षित : स्वामी चिदात्मन जी


अक्षय नवमी का शुभ कार्य अक्षय पुण्य भंडार के रूप में रहता है सुरक्षित : स्वामी चिदात्मन जी


बेगूसराय, 21 नवम्बर (हि.स.)। कार्तिक शुक्ल पक्ष अक्षय नवमी के पावन अवसर पर आज वेद विज्ञान अनुसंधान संस्थान अर्ध कुंभ मेला शिविर एवं सर्वमंगला आध्यात्म योगपीठ सिमरिया धाम में स्वामी चिदात्मन जी द्वारा विरचित जयमंगला चालीसा का वितरण किया गया।

इस अवसर पर चिदात्मन जी ने कहा कि इस चालीसा का नित्य पाठ करने से जीवन में मंगल ही मंगल प्राप्त होता हैं। सनातनी लोगों के लिए यह रक्षा कवच के रूप कार्य करेगा। सभी लोग स्वयं पढ़ें और अपने जानने वाले, अपने परिवार में भी सबों को नित्य पाठ के लिए प्रेरित करें।

आज का दिन सनातनी हिन्दूओं के लिए विशेष महत्व का हैं। आज हम जो भी शुभ कार्य या दान पुण्य करते हैं वह अक्षय पुण्य भंडार के रूप में हमें सुरक्षित मिलता हैं। हम सबों का परम सौभाग्य है कि इस पुनीत अवसर पर गंगा तट पर इस अभिषेक महायज्ञ में शामिल होकर जयमंगला चलीसा प्राप्त कर रहे हैं।

मौके पर सर्वमंगला अध्यात्म योगपीठ सिमरिया धाम के अध्यक्ष सुरेन्द्र चौधरी, प्रयाग राज पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी गंगानंद जी महाराज, सर्वमंगला पीठाधीश्वर समिति के अध्यक्ष शुलभानंद जी, स्वामी चिदात्मन वेद विज्ञान अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. विजय कुमार झा, सचिव सुधीर चौधरी एवं सह सचिव प्रो. पी.के. झा प्रेम भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर सिमरिया गंगा धाम गंगा के राम जानकी तट पर नर्मदेश्वर महादेव, स्फटिक महादेव एवं श्रीयंत्र जी का अभिषेक किया गया। वहीं, घाट पर गंदगी देखकर स्वामी चिदात्मन जी और आचार्य स्वयं सफाई सेवा करने लगे। इसके बाद देखते ही देखते आश्रम से जुड़े पंडित, पुरोहित, श्रद्धालु एवं संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी भी सेवा दान देने लगे।

देखते ही देखते राम जानकी गंगा तट स्वच्छ दिखने लगा। इसके बाद आचार्य नारायण झा, स्वामी गंगानंद जी, पंडित राजो झा, पंडित दिनेश पाठक, पंडित पद्मनाभ, पंडित रमेश मिश्र, रविन्द्र जी ब्रह्मचारी, सुरेन्द्र चौधरी एवं शुलभानंद जी ने पूर्ण वैदिक तरीके से अभिषेक सम्पन्न कराया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा