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बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार गठन की तैयारी

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद नई सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। बीजेपी और जेडीयू के बीच स्पीकर पद और मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है। दोनों पार्टियाँ अपने-अपने दावों को लेकर अडिग हैं। 19-20 नवंबर को महत्वपूर्ण बैठकें और शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किए जाएंगे। जानें इस राजनीतिक हलचल के बारे में और क्या चल रहा है।
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बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार गठन की तैयारी

बिहार में नई सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू


पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की शानदार जीत के बाद नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) की कुर्सी किसे मिलेगी। बीजेपी और जेडीयू दोनों इस महत्वपूर्ण पद पर अपना दावा पेश कर रहे हैं।


सूत्रों के अनुसार, दोनों पार्टियाँ किसी भी स्थिति में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। मंगलवार को नई दिल्ली में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और बीजेपी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इस बैठक में स्पीकर पद के साथ-साथ मंत्रालयों के बंटवारे पर भी चर्चा की जाएगी।


बीजेपी की स्पीकर पद पर नजर

सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी इस बार भी स्पीकर पद अपने पास रखना चाहती है, जैसा कि पिछले कार्यकाल में हुआ था। पिछली विधानसभा में बीजेपी के नंदकिशोर यादव स्पीकर थे, जबकि जेडीयू के नरेंद्र नारायण यादव उप-स्पीकर बने थे। अब जेडीयू भी इस पद के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर रही है।


मंत्रालयों के बंटवारे पर चर्चा

स्पीकर के अलावा गृह, वित्त, शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों को लेकर भी दोनों दलों में चर्चा जारी है। सोमवार रात पटना में बीजेपी नेताओं ने देर तक बैठक की और अपनी रणनीति तैयार की। जेडीयू के संजय झा और ललन सिंह जैसे नेता भी मंगलवार को दिल्ली पहुँच रहे हैं ताकि बातचीत में अपनी पार्टी का पक्ष मजबूती से रख सकें।


छोटे सहयोगियों के साथ बातचीत लगभग पूरी

एनडीए के छोटे घटक दलों चिराग पासवान की लोजपा (रा), जीतन राम मांझी की हम (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा से बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि हर छह विधायकों पर एक मंत्री पद का फॉर्मूला सभी ने मान लिया है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इन दलों से अलग से बात कर रहे हैं।


19-20 नवंबर को होंगे महत्वपूर्ण आयोजन

19 नवंबर को बीजेपी और जेडीयू अलग-अलग अपनी विधायक दल की बैठक करेंगे। इसके बाद पूरे एनडीए की संयुक्त बैठक होगी जिसमें मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं का औपचारिक चयन किया जाएगा।


20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और उनके साथ कई मंत्री भी शपथ लेंगे।