Newzfatafatlogo

रोहिणी आचार्य का विवादास्पद बयान, RJD में बढ़ी असंतोष की लहर

बिहार चुनाव परिणामों के बाद रोहिणी आचार्य ने RJD में असंतोष को उजागर करते हुए तेजस्वी यादव और उनके सहयोगियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने परिवार से अलग होने की बात करते हुए कहा कि उनके लिए अब कोई परिवार नहीं है। रोहिणी का यह बयान पार्टी में बढ़ती खींचतान को और बढ़ा सकता है। जानिए इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और लालू प्रसाद यादव की चुप्पी पर क्या असर पड़ सकता है।
 | 
रोहिणी आचार्य का विवादास्पद बयान, RJD में बढ़ी असंतोष की लहर

पटना में रोहिणी आचार्य का बयान


पटना: बिहार चुनाव परिणामों के बाद राष्ट्रीय जनता दल में असंतोष और आंतरिक संघर्ष के बीच, लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य का बयान राजनीतिक जगत में हलचल पैदा कर रहा है.


राजनीति से संन्यास लेने और परिवार से अलग होने की घोषणा के बाद, रोहिणी पहली बार मीडिया के सामने आईं और तेजस्वी यादव तथा उनके दो करीबी सहयोगियों पर उन्हें 'परिवार से बाहर करने' का आरोप लगाया. पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कई गंभीर बातें साझा की.


रोहिणी का बड़ा आरोप: 'सीधे तेजस्वी से पूछिए'

पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए रोहिणी आचार्य भावुक नजर आईं. उन्होंने कहा कि यदि किसी को उनके परिवार से बाहर होने का कारण जानना है, तो इसका उत्तर तेजस्वी यादव, संजय यादव और रमीज ही दे सकते हैं. रोहिणी ने आरोप लगाया कि इन तीनों ने मिलकर उन्हें परिवार से अलग कर दिया. उन्होंने कहा, 'मेरे लिए अब कोई परिवार नहीं है. जिनका नाम लेती हूं, उसी पर मुझे घर से निकाल दिया जाता है.'


राजनीति से दूरी और परिवार से अलगाव

रोहिणी ने अचानक राजनीति और सार्वजनिक जीवन से हटने का निर्णय लिया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट में कहा था कि वह अब किसी राजनीतिक बहस का हिस्सा नहीं बनना चाहतीं. शनिवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय राजनीतिक असफलता का नहीं, बल्कि 'अपनों द्वारा उपेक्षा' का परिणाम है. रोहिणी ने कहा, 'सम्मान चाहिए, भीख नहीं... और जब सम्मान न मिले तो रास्ता बदलना पड़ता है.'


संजय यादव और रमीज पर गंभीर आरोप

रोहिणी ने तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव और उनके सहयोगी रमीज पर खुलकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पार्टी की हार के बाद जब सवाल उठे, तो सबसे पहले उन्हें ही निशाना बनाया गया. रोहिणी का आरोप है कि इन दोनों की भूमिका ऐसी रही कि उनके सवाल उठाने पर उन्हें 'अपमानित, दुत्कारा और घर से बाहर कर दिया गया.' उन्होंने कहा, 'पूरे देश में यह सवाल उठ रहा है कि हार क्यों हुई, लेकिन जिम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता.'


चुनावी हार के बाद RJD में खींचतान

बिहार चुनाव में महागठबंधन को बड़े झटके के बाद RJD केवल 25 सीटों पर सिमट गई. परिणाम आने के बाद से सोशल मीडिया पर कई कार्यकर्ता नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं. रोहिणी का यह बयान इस असंतोष को और बढ़ा रहा है. पार्टी के भीतर भी माना जा रहा है कि हार के कारणों को लेकर संवाद की कमी और निर्णय लेने के केंद्रीकरण पर नाराजगी बढ़ी है. रोहिणी के आरोपों ने इस बहस को और गर्मा दिया है.


लालू की चुप्पी और समर्थकों की बेचैनी

रोहिणी आचार्य वही हैं जिन्होंने कुछ साल पहले अपने पिता लालू प्रसाद को किडनी दान कर पूरे देश में चर्चा बटोरी थी. उनके खुलासे के बाद लोगों की निगाहें लालू पर टिक गई हैं, लेकिन अब तक उन्होंने इस विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं की है. RJD कैंप में भी रोहिणी के बयान से हलचल है और इसे एक बड़ी आंतरिक दरार के रूप में देखा जा रहा है. पार्टी नेतृत्व अब इस संकट पर क्या कदम उठाएगा, इस पर सबकी नजरें हैं.