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रोहिनी आचार्य ने राजनीति छोड़ने का किया ऐलान, परिवार से दूरी बनाने का फैसला

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद, रोहिनी आचार्य ने राजनीति छोड़ने और परिवार से दूरी बनाने का चौंकाने वाला निर्णय लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस फैसले की जानकारी दी और संजय यादव तथा रमीज का जिक्र किया, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई। जानें इस निर्णय के पीछे की वजहें और परिवार में चल रहे तनाव के बारे में।
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रोहिनी आचार्य ने राजनीति छोड़ने का किया ऐलान, परिवार से दूरी बनाने का फैसला

पटना में रोहिनी आचार्य का चौंकाने वाला निर्णय


पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार के तुरंत बाद, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिनी आचार्य ने राजनीति से संन्यास लेने और अपने परिवार से अलग होने का निर्णय लिया है।


उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए अपने इस फैसले की जानकारी दी और संजय यादव तथा रमीज के नामों का उल्लेख किया, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई। रोहिनी ने कहा कि वह वही कर रही हैं, जो इन दोनों ने उनसे कहा।


रोहिनी आचार्य का अचानक निर्णय

बिहार में चुनावी हार के बाद, रोहिनी आचार्य ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता तोड़ने की घोषणा की। उन्होंने लिखा, 'मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार को त्याग रही हूं।' यह बयान तब आया जब आरजेडी को विधानसभा चुनाव में केवल 35 सीटें मिलीं और एनडीए ने बहुमत हासिल किया।


संजय यादव और रमीज का उल्लेख

रोहिनी ने अपने पोस्ट में संजय यादव और रमीज का जिक्र किया और कहा कि वह वही कर रही हैं, जो इन दोनों ने उनसे कहा। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि दोनों ने किस संदर्भ में उन्हें ऐसा करने के लिए कहा। इस रहस्यमय बयान ने राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। संजय और रमीज की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।


संजय यादव और रमीज की पहचान

संजय यादव आरजेडी के राज्यसभा सांसद हैं और तेजस्वी यादव के करीबी सलाहकार माने जाते हैं। वहीं, रमीज तेजस्वी के पुराने मित्र हैं और उत्तर प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं। माना जाता है कि दोनों तेजस्वी के करीबी सर्कल का हिस्सा हैं, लेकिन रोहिनी के आरोपों के बाद उनकी भूमिका पर नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं।


पारिवारिक तनाव की चर्चा

इस साल मई में, लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से बाहर कर दिया था। यह निर्णय तब आया जब तेज प्रताप ने एक महिला के साथ तस्वीर साझा की थी, जिसे उन्होंने अपनी 'पार्टनर' बताया था। कई राजनीतिक जानकारों का कहना है कि रोहिनी इस फैसले से नाखुश थीं। उनका हालिया कदम परिवार के भीतर गहराते तनाव को दर्शाता है।


चुनावी झटकों का प्रभाव

रोहिनी आचार्य हाल ही में सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने अपने पिता लालू यादव को किडनी दान की थी। 2024 लोकसभा चुनावों में उन्होंने सारण सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार ने उन्हें और निराश किया। माना जा रहा है कि लगातार चुनावी झटकों और पारिवारिक तनावों ने उन्हें इस कठोर निर्णय तक पहुंचाया है।