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लालू यादव के परिवार में बढ़ता विवाद: बेटियों का दिल्ली जाना

लालू प्रसाद यादव के परिवार में चल रहा विवाद अब और गहरा हो गया है, जिसमें उनकी बेटियों का पटना छोड़कर दिल्ली जाना शामिल है। रोहिणी आचार्य ने परिवार से दूरी बनाने और राजनीति छोड़ने का ऐलान किया है, जिसके बाद अन्य बेटियों ने भी घर छोड़ने का निर्णय लिया। यह स्थिति न केवल पारिवारिक तनाव को दर्शाती है, बल्कि RJD के लिए एक नए राजनीतिक संकट का संकेत भी है। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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लालू यादव के परिवार में बढ़ता विवाद: बेटियों का दिल्ली जाना

परिवार में तनाव की नई परतें


पटना: लालू प्रसाद यादव के परिवार में चल रहा विवाद अब और अधिक गंभीर होता जा रहा है। रोहिणी आचार्य के घर छोड़ने और उनके तीखे बयानों के बाद, अब परिवार की तीन अन्य बेटियां, रागिनी, चंदा और राजलक्ष्मी भी अपने बच्चों के साथ पटना छोड़कर दिल्ली चली गई हैं। यह स्थिति स्पष्ट करती है कि यह मामला केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि परिवार के भीतर गहरे तनाव का भी है।


रोहिणी आचार्य का बयान

हाल ही में RJD प्रमुख लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने परिवार से दूरी बनाने और राजनीति छोड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाई तेजस्वी यादव और उनके दो करीबी सहयोगियों, RJD सांसद संजय यादव और रमीज ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। रोहिणी के अनुसार, उन्हें गालियां दी गईं, अपमानित किया गया और यहां तक कि चप्पल से मारने की कोशिश भी की गई।


भावुक होकर रोहिणी ने लिखा कि उन्हें अपने मायके से निकाल दिया गया है और वे खुद को अनाथ महसूस कर रही हैं। उनका कहना है कि परिवार में सच बोलने की कीमत उन्हें चुकानी पड़ी है, जिससे उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है। पेशे से डॉक्टर और सर्जन रोहिणी पिछली लोकसभा चुनाव में सारण सीट से RJD की उम्मीदवार भी थीं और पार्टी की गतिविधियों में सीमित रूप से शामिल रहती थीं।


तेजस्वी के करीबी सहयोगियों पर सवाल

रोहिणी के आरोपों का मुख्य निशाना संजय यादव और रमीज रहे हैं। हालांकि, दोनों ने इस विवाद पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। रोहिणी का कहना है कि पार्टी की चुनावी हार के बावजूद इन दोनों पर सवाल उठाना परिवार के खिलाफ अपराध जैसा समझा जाता है।


चिराग पासवान की प्रतिक्रिया

इस विवाद पर LJP नेता चिराग पासवान ने भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन लालू जी का परिवार भी उनका परिवार है। चिराग ने बताया कि उन्होंने भी अपने जीवन में ऐसे समय देखे हैं, जब परिवार के भीतर तनाव ने उन्हें तोड़ दिया था।


चिराग ने कहा, 'मैं समझ सकता हूं कि एक बेटी को कितना दुख होता है जब वह अपने ही घर में अपमानित महसूस करे। बेटा हो या बेटी, मायका दोनों का होता है। मेरी प्रार्थना है कि लालू जी का परिवार जल्द एकजुट हो जाए।'


पारिवारिक विवाद का राजनीतिक असर

RJD की हाल की चुनावी हार के बाद यह पारिवारिक विवाद पार्टी के लिए एक नए संकट के रूप में उभर रहा है। लालू यादव की चार बेटियों का एक साथ पटना स्थित घर छोड़ देना पार्टी के लिए गंभीर संकेत माना जा रहा है।