समस्तीपुर में वीवीपैट पर्चियों का मामला: चुनाव आयोग की सफाई और जांच शुरू
समस्तीपुर में वीवीपैट पर्चियों का बिखराव
समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिले में शनिवार को सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के KSR कॉलेज के निकट सड़क पर बड़ी संख्या में वीवीपैट (VVPAT) पर्चियां पाई गईं। इस घटना ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया और राजनीतिक गतिविधियों में तेजी ला दी। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर संदेह व्यक्त किया।
आरजेडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सवाल उठाया कि इतनी सारी वीवीपैट पर्चियां सड़क पर कैसे आईं और किसने इन्हें फेंका? क्या चुनाव आयोग इस पर कोई स्पष्टीकरण देगा? पार्टी ने आरोप लगाया कि यह सब किसी के इशारे पर किया गया है।
समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के KSR कॉलेज के पास सड़क पर भारी संख्या में EVM से निकलने वाली VVPAT पर्चियां फेंकी हुई मिली।
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 8, 2025
कब, कैसे, क्यों किसके इशारे पर इन पर्चियों को फेंका गया? क्या चोर आयोग इसका जवाब देगा? क्या यह सब बाहर से आकर बिहार में डेरा डाले लोकतंत्र के… pic.twitter.com/SxOR6dd7Me
मुख्य चुनाव आयुक्त की त्वरित कार्रवाई
इस मामले के उजागर होते ही मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने संबंधित सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (ARO) को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही समस्तीपुर के जिलाधिकारी (DM) को मौके पर जाकर जांच करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया।
निर्वाचन आयोग का स्पष्टीकरण
निर्वाचन आयोग ने एक आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया कि ये पर्चियां असली मतदान की नहीं थीं, बल्कि मॉक पोल के दौरान निकली थीं। मॉक पोल वह प्रक्रिया है जो मतदान शुरू होने से पहले हर बूथ पर की जाती है, ताकि ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की जांच की जा सके। आयोग ने बताया कि इन पर्चियों का गलत तरीके से निस्तारण किया गया, जो कि सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की लापरवाही थी। हालांकि, इस घटना से वास्तविक मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता या अखंडता पर कोई असर नहीं पड़ा है। सभी उम्मीदवारों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है।
जांच की प्रक्रिया
समस्तीपुर के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा और पुलिस अधीक्षक अरविंद प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। डीएम ने बताया कि मॉक पोल के बाद कुछ अतिरिक्त पर्चियां काटी गई थीं, लेकिन कुछ पर्चियां बिना सही तरीके से नष्ट किए फेंकी गई थीं। ईवीएम नंबर के आधार पर जिम्मेदार मतदान कर्मी की पहचान की जा रही है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पहले चरण का मतदान
यह ध्यान देने योग्य है कि सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में 6 नवंबर को पहले चरण में मतदान हुआ था। अब यह मामला चुनावी पारदर्शिता को लेकर नए विवाद का कारण बन गया है, हालांकि आयोग ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी पारदर्शिता से की जाएगी।
