फतेहाबाद: नामांकन भरने से पहले अपने दादा बराला को मनाने उनके घर पहुंचे भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र बबली
फतेहाबाद, 6 सितंबर (हि.स.)। जिले की टोहाना विधानसभा सीट से भाजपा ने पार्टी में शामिल हुए जजपा के बगावती विधायक देवेन्द्र बबली को मैदान में उतारा है। टोहाना में भाजपा के राज्यसभा सांसद सुभाष बराला और विधायक रहे देवेन्द्र बबली के बीच 36 का आंकड़ा रहा है। देवेंद्र बबली अक्सर बराला के खिलाफ तीखी बयानबाजी करते नजर आए हैं। अब दोनों ही नेता एक ही पार्टी में है। सुभाष बराला दूर के रिश्ते में बबली के दादा लगते हैं। बबली शनिवार काे नामांकन भरेंगे।
गुरुवार को फतेहाबाद भाजपा जिला कार्यालय में हुए बबली के स्वागत समारोह से भी बराला ने दूरी बनाई थी। बराला भी दबी जुबां में कह चुके है कि बबली ने इतने ताले लगा दिए हैं कि पता नहीं कौन-सी चाबी से खुलेंगे। शुक्रवार सुबह बबली बराला से मिलने के लिए उनके निवास पर पहुंच गए। देवेंद्र बबली 7 सितंबर को सुबह 9 बजे नामांकन भरने के लिए निकलेंगे। बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में वे अपने दादा सुभाष बराला को निमंत्रण देने के लिए उनके निवास पर गए। अब शनिवार काे बराला इस कार्यक्रम में बबली का साथ देने पहुंचेंगे या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।
देवेंद्र बबली इससे पहले गुरुवार को भाजपा कार्यालय फतेहाबाद में पहली बार पहुंचे थे, जहां उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि बराला और उनके बीच राजनीतिक मतभेद थे, जो दूर हो गए हैं। कभी मनभेद नहीं हुए। बता दें कि देवेंद्र बबली टोहाना के गांव बिढ़ई खेड़ा के रहने वाले हैं और गुरुग्राम में उनका अच्छा खासा बिजनेस है। सुभाष बराला बिढ़ईखेड़ा से कुछ ही दूरी पर स्थित गांव डांगरा के रहने वाले हैं और दोनों गांवों के बीच मात्र एक नहर की ही दूरी है, लेकिन दोनों के राजनीतिक रिश्ते अच्छे कभी नहीं रहे।
सुभाष बराला टोहाना से चुनाव लड़ते आए हैं। जब बबली ने 2014 में अपना पहला चुनाव टोहाना से लड़ा तो वे अपने दादा सुभाष बराला के ही खिलाफ लड़े, तब से वे लगातार बराला के खिलाफ बयानबाजी करते दिखे। 2019 में भाजपा के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को देवेंद्र बबली ने जेजेपी की टिकट पर 50 हजार से ज्यादा वोटों से करारी शिकस्त दी तो यह दूरियां और बढ़ गई। बबली टोहाना में बड़ा नाम बन गए। बराला को चेयरमैन बना दिया गया और अब चुनाव से पहले बराला राज्यसभा सांसद बन चुके हैं। कांग्रेस की टिकट न मिलने पर बबली भाजपा में आए तो आखिर उन्हें अपनी तरफ से बराला से सुलह की पहल करनी ही पड़ी। अब बराला सुलह करेंगे या नहीं, यह देखने वाली बात रहेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा