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तेज धूप से कुम्हला रही हैं फसलें, बिगड़ रही है सेहत

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तेज धूप से कुम्हला रही हैं फसलें, बिगड़ रही है सेहत


जालौन, 29 नवंबर (हि.स.)। शुरुआती ठंड के बावजूद दिन के समय तेज धूप निकलने से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है और धमनियों में रक्तचाप बढ़ा हुआ है। पिछले महीनों में लगातार हुई बारिश और बाढ़ से खरीफ की फसलें पहले ही बर्बाद हो चुकीं थीं। इसके बाद काफी देर से बोई गईं रबी की फसल का भी जायका तेज धूप की वजह से पूरी तरह बिगड़ा हुआ दिखाई दे रहा है। दिन के समय तेज धूप और रात में ओस न पड़ने से फसलें सूख रही हैं, पौधों में वृद्धि नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में हरी मटर उगाने वाले किसानों की तो कमर ही टूट गई है क्योंकि हरी मटर के लिए पर्याप्त ठंडक का मौसम नहीं मिल पा रहा है। किसान हरी मटर की फसल में कृत्रिम वर्षा कर रहा है लेकिन यह वर्षा भी तेज धूप के आगे बेअसर साबित हो रही है। इसके अलावा अन्य दलहनी और तिलहनी फसलें भी गर्म मौसम की भेंट चढ़ रहीं हैं।

जनपद जालौन मटर मटर के उत्पादन का एक बड़ा केंद्र है और यहां की मंडियां अंतरराज्यीय निर्यात के लिए भी जानी जाती हैं। कोंच मंडी न केवल हरी मटर बल्कि अन्य कृषि जिंसों की बड़ी मंडी है जहां साल भर अच्छा व्यापार होता है लेकिन इस साल यहां का व्यापारी वर्ग भी इस बात को लेकर संशय में है कि प्रतिकूल मौसम के चलते मटर की आवक पर बुरा असर पड़ सकता है। इस तरह देखा जाए तो कभी सूखा और कभी अतिवृष्टि के चलते बर्बादी अपने मुकद्दर में लिखा चुका किसान एक बार फिर अपने मुकद्दर से लड़ता दिखाई दे रहा है। चूंकि कोंच तहसील क्षेत्र हरी मटर के उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र है इसलिए यहां के किसान की आस हरी मटर पर टिकी थी और उसे उम्मीद थी कि खरीफ में हुए नुकसान की भरपाई वह हरी मटर से कर लेगा, लेकिन उसकी इस उम्मीद पर तेज धूप ने पानी फेर दिया है। किसान हरी मटर को नकद फसल के तौर पर भुनाता है और मटर के बाद गेहूं की फसल भी ले लेता है लेकिन अबकी दफा मौसम ने किसान की सेहत बिगाड़ कर रख दी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विशाल कुमार वर्मा