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चांदनी महल वार्ड में मोहम्मद इमरान की अप्रत्याशित जीत

दिल्ली नगर निगम के उपचुनावों में चांदनी महल वार्ड से मोहम्मद इमरान की अप्रत्याशित जीत ने सभी को चौंका दिया है। मुस्लिम बहुल इस क्षेत्र में भाजपा और आम आदमी पार्टी की रणनीतियों को नकारते हुए इमरान ने 11,814 वोट प्राप्त किए। इस जीत के पीछे शोएब इकबाल का समर्थन और मतदान प्रतिशत में गिरावट के कारणों पर चर्चा की गई है। जानें इस चुनाव के परिणाम और इसके राजनीतिक महत्व के बारे में।
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चांदनी महल वार्ड में मोहम्मद इमरान की अप्रत्याशित जीत

नई दिल्ली में उपचुनावों के परिणाम


नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के उपचुनावों के परिणामों की घोषणा शुरू हो गई है। इस चुनाव में भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस बीच, चांदनी महल वार्ड से एक चौंकाने वाला परिणाम सामने आया है। मुस्लिम बहुल इस क्षेत्र में न तो भाजपा का जादू चला और न ही 'AAP' की रणनीति सफल रही। इस वार्ड में ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) के उम्मीदवार मोहम्मद इमरान ने जीत हासिल की है। इमरान को 11,814 वोट मिले, जबकि 'AAP' के उम्मीदवार मुदस्सिर उस्मान को 7,122 वोट मिले, जिससे दोनों के बीच 4,692 वोटों का अंतर रहा।


जीत की दिलचस्प कहानी

चांदनी महल वार्ड में मोहम्मद इमरान की जीत की कहानी भी काफी रोचक है। यह वार्ड मटिया महल विधानसभा क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र से सात बार विधायक रहे शोएब इकबाल चाहते थे कि उनका पसंदीदा उम्मीदवार आम आदमी पार्टी (AAP) के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन पार्टी ने उनकी बात नहीं मानी और मुदस्सिर उस्मान कुरैशी को टिकट दे दिया। इससे नाराज होकर शोएब इकबाल ने 'AAP' छोड़कर ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक से मोहम्मद इमरान को चुनावी मैदान में उतारा। नतीजा यह हुआ कि शोएब इकबाल का प्रभाव बना रहा और उनके समर्थित उम्मीदवार को जीत मिली।


मुस्लिम समुदाय की संख्या

मुस्लिम बहुल चांदनी महल एक पुराना और व्यस्त व्यावसायिक क्षेत्र है। इस वार्ड में 1.2 लाख से अधिक लोग निवास करते हैं, जिनमें मुस्लिम समुदाय की संख्या काफी अधिक है। इसके अलावा, व्यापारी वर्ग, ओबीसी और सामान्य श्रेणी के मतदाता भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। इस वार्ड में कुल लगभग 70,000 वोटर हैं, जिनमें लगभग 45% महिलाएं हैं।


मतदान प्रतिशत में गिरावट

आपको बता दें कि इस बार मतदान प्रतिशत पिछले साल 2022 में हुए एमसीडी चुनावों की तुलना में काफी कम है, जब 50.47 प्रतिशत वोट पड़े थे। इन 12 सीटों में से नौ सीटें पहले भारतीय जनता पार्टी के पास थीं, इसलिए इस उपचुनाव में पार्टी को कुछ नुकसान उठाना पड़ा है। उपचुनाव वाली सीटों में मुंडका, शालीमार बाग बी, अशोक विहार, चांदनी चौक, चांदनी महल, द्वारका बी, ढिचाऊ कलां, नारायणा, संगम विहार ए, दक्षिणपुरी, ग्रेटर कैलाश और विनोद नगर शामिल हैं।


उम्मीदवारों की संख्या

कुल 51 उम्मीदवार इस चुनाव में शामिल हुए, जिनमें 26 महिलाएं और 25 पुरुष थे। यह उपचुनाव दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा था, क्योंकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद यह पहली बड़ी परीक्षा थी। अंतिम परिणामों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जिसने 12 में से 7 सीटों पर जीत हासिल की है।