दिल्ली में अटल कैंटीन योजना: 5 रुपये में मिलेगा पौष्टिक भोजन
दिल्ली सरकार की नई राहत योजना
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने आज राजधानी के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 100 अटल कैंटीन का उद्घाटन किया है, जहां केवल 5 रुपये में भरपेट और पौष्टिक भोजन उपलब्ध होगा। यह योजना विशेष रूप से गरीबों, श्रमिकों और निम्न आय वाले परिवारों के लिए बनाई गई है। सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए।
अटल कैंटीन का उद्घाटन
इस योजना का आरंभ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर किया गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि अटल कैंटीन दिल्ली की आत्मा बनेगी और यहां भोजन को सम्मान के साथ परोसा जाएगा। आमतौर पर दाल, चावल, रोटी और सब्जी का भोजन बाजार में 50 से 200 रुपये तक मिलता है, लेकिन अब यह केवल 5 रुपये में उपलब्ध होगा।
Delhi: Delhi government launches a new relief initiative under the Atal Canteen Scheme, opening 45 canteens today to provide fresh, nutritious, and filling meals to the poor and needy for just ₹5 pic.twitter.com/wdpJmEcHU9
— News Media (@news_media) December 25, 2025
कैंटीनों की संख्या और स्थान
पहले चरण में कितनी कैंटीनें खोली गईं?
आज पहले चरण में दिल्ली के 45 क्षेत्रों में अटल कैंटीन खोली गई हैं, जिनमें आर के पुरम, जंगपुरा, शालीमार बाग, ग्रेटर कैलाश, राजौरी गार्डन, नरेला और बावाना शामिल हैं। सरकार ने बताया कि शेष 55 कैंटीन जल्द ही शुरू की जाएंगी। सभी 100 कैंटीन चालू होने के बाद हजारों लोगों को सस्ता और पौष्टिक भोजन उपलब्ध होगा।
कैंटीन का मेन्यू और समय
क्या है कैंटीन का मेन्यू?
अटल कैंटीन में थाली का मेन्यू निर्धारित किया गया है, जिसमें दाल, चावल, चपाती, सब्जी और अचार शामिल होंगे। यह भोजन साफ-सफाई और गुणवत्ता के मानकों का ध्यान रखते हुए तैयार किया जाएगा। सरकार का दावा है कि खाने की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
क्या रहेगा टाइमिंग?
कैंटीन में रोजाना दो समय पर भोजन उपलब्ध होगा। दोपहर का भोजन सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक और रात का भोजन शाम 6.30 बजे से रात 9.30 बजे तक दिया जाएगा। एक कैंटीन से रोज लगभग 500 लोगों को भोजन देने का लक्ष्य रखा गया है।
लाभार्थियों की पहचान
किन लोगों के लिए होगा ज्यादा फायदेमंद?
दिल्ली सरकार का मानना है कि यह योजना मजदूरों, रिक्शा चालकों, निर्माण श्रमिकों और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायता साबित होगी। बढ़ती महंगाई के इस दौर में 5 रुपये की थाली गरीबों के लिए संजीवनी के समान है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में आवश्यकता के अनुसार इस योजना का दायरा और बढ़ाया जा सकता है।
