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दिल्ली में प्रदूषण पर सियासी बहस: मंत्री ने मांगी माफी

दिल्ली NCR में प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने जनता से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण की समस्या का समाधान कुछ महीनों में संभव नहीं है। पूर्व सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार हर दिन AQI को कम करने के लिए प्रयासरत है। इस बीच, जनता का गुस्सा भी सामने आया है, जो प्रदूषण के मुद्दे को लेकर चिंतित है। जानें वायु गुणवत्ता की वर्तमान स्थिति और सरकार के उठाए गए कदम।
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दिल्ली में प्रदूषण पर सियासी बहस: मंत्री ने मांगी माफी

दिल्ली में प्रदूषण की गंभीरता


दिल्ली NCR में प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। इस दमघोंटू हवा ने एक बार फिर राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया है।


मंत्री का माफी भरा बयान

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने जनता से माफी मांगी, लेकिन यह भी कहा कि किसी भी सरकार के लिए प्रदूषण पर पूरी तरह से नियंत्रण पाना कुछ महीनों में संभव नहीं है। उनके इस बयान ने जिम्मेदारी और पूर्व सरकारों की भूमिका पर नई बहस को जन्म दिया है।


समस्या की जड़ें

सिरसा ने प्रेस वार्ता में कहा कि प्रदूषण की समस्या वर्षों से चली आ रही है और इसे किसी एक सरकार की देन नहीं माना जा सकता। उन्होंने स्वीकार किया कि नौ से दस महीनों में इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता।


पूर्व सरकार पर आरोप

सिरसा ने पूर्व आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदूषण एक 'बीमारी' की तरह उन्हें विरासत में मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार हर दिन AQI को कम करने के लिए प्रयासरत है और स्थिति में सुधार हो रहा है।


जनता की नाराजगी

मंत्री का यह बयान उस समय आया जब दिल्ली में जनता का गुस्सा खुलकर सामने आया। अरुण जेटली स्टेडियम में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के संबोधन के बीच 'AQI-AQI' के नारे लगे, जो प्रदूषण के मुद्दे की गंभीरता को दर्शाते हैं।


वायु गुणवत्ता की स्थिति

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, लगातार तीन दिनों तक 'सीवियर' श्रेणी में रहने के बाद मंगलवार को AQI में थोड़ी सुधार हुई और यह 'बहुत खराब' स्तर पर पहुंचा। सुबह 9 बजे AQI 378 दर्ज किया गया, जबकि एक दिन पहले यह 427 था।


सरकार के प्रयास

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि सरकार ने 62 प्रदूषण हॉटस्पॉट चिह्नित किए हैं, जिनमें से 13 में पिछले साल की तुलना में सुधार दिखा है। लैंडफिल की ऊंचाई घटाने, 3,427 इलेक्ट्रिक बसें उतारने, बीएस-6 से कम वाहनों पर रोक और उद्योगों पर जुर्माना जैसे कदम उठाए गए हैं।