Newzfatafatlogo

दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर स्थिति में, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को बेहद खराब स्तर पर बनी रही, जहां AQI 311 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों ने प्रदूषण के मुख्य कारणों में पराली जलाना, वाहन उत्सर्जन और औद्योगिक धुआं बताया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे बाहरी गतिविधियों से बचें और एन-95 मास्क का उपयोग करें। जानें और क्या उपाय किए जा रहे हैं और स्थिति को सुधारने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 | 
दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर स्थिति में, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट


नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को भी अत्यंत खराब बनी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह 9 बजे तक दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 311 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। पूरे शहर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थिति चिंताजनक हो गई है।


दिल्ली के 38 प्रदूषण निगरानी स्टेशनों में से 26 पर 'बहुत खराब' स्तर की हवा पाई गई। बवाना में सबसे अधिक प्रदूषण देखा गया, जहां AQI 366 तक पहुंच गया, जबकि जहांगीरपुरी में यह 348 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्तर लंबे समय तक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।


प्रदूषण के कारण

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, AQI 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' स्तर माना जाता है। पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण पराली जलाना, वाहन उत्सर्जन और औद्योगिक धुआं है। ठंड बढ़ने के साथ हवा की गति कम होने से प्रदूषक कण नीचे जम जाते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है।


दिल्ली का तापमान

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, शुक्रवार सुबह दिल्ली का न्यूनतम तापमान 12.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.6 डिग्री कम है। सुबह 8:30 बजे आर्द्रता का स्तर 67 प्रतिशत था। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि दिन में अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। हल्का कोहरा दिनभर छाया रह सकता है, जिससे कई क्षेत्रों में दृश्यता कम हो सकती है।


स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह

दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार और संबंधित एजेंसियां कई उपाय कर रही हैं। 'ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान' (GRAP) के तहत निर्माण कार्यों पर पाबंदी, डीजल जेनरेटरों के उपयोग पर रोक और वाहनों की आवाजाही पर निगरानी जैसे कदम उठाए गए हैं। इसके बावजूद, वायु गुणवत्ता में सुधार के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे सुबह और शाम के समय बाहरी गतिविधियों से बचें और घर से बाहर निकलते समय एन-95 मास्क का उपयोग करें।