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दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट, AQI 366 पर पहुंचा

दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर से चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है, जहां AQI 366 दर्ज किया गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के लिए परिवहन क्षेत्र मुख्य रूप से जिम्मेदार है। जानें इस विषय पर और क्या कहा गया है और आने वाले दिनों में क्या उम्मीद की जा सकती है।
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दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट, AQI 366 पर पहुंचा

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट


नई दिल्ली: दिल्ली की वायु एक बार फिर से अत्यधिक प्रदूषित हो गई है। रविवार को राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 366 के स्तर पर पहुंच गया, जो इस मौसम का सबसे खराब आंकड़ा है। मौसम विभाग और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने चेतावनी दी है कि मंगलवार को दिल्ली की हवा 'गंभीर' श्रेणी में जा सकती है, हालांकि बुधवार से कुछ सुधार की उम्मीद जताई गई है।


AQI के आंकड़े

CPCB के आंकड़ों के अनुसार, रविवार को सुबह 10 बजे दिल्ली का औसत AQI 388 तक पहुंच गया था, जबकि शाम 4 बजे यह घटकर 366 रह गया। तेज हवाओं के चलते थोड़ी राहत मिली, लेकिन स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है। दिल्ली में 39 सक्रिय मॉनिटरिंग स्टेशनों में से पांच ने 'गंभीर' श्रेणी का AQI दर्ज किया, जिनमें बुराड़ी (404), चांदनी चौक (404), आरके पुरम (401), विवेक विहार (402) और वजीरपुर (418) शामिल हैं। बाकी 30 स्टेशनों ने 'बहुत खराब' स्तर की हवा की रिपोर्ट की।


विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान वायुमंडलीय स्थितियां प्रदूषकों के फैलाव के लिए अनुकूल नहीं हैं। स्काईमेट मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि रविवार को हवाओं की गति लगभग 10 किलोमीटर प्रति घंटा रही, जिससे थोड़ी सुधार देखने को मिली। लेकिन दिनभर हवा का रुख बदलता रहा, जिससे पंजाब और हरियाणा से आने वाले पराली धुएं का प्रभाव दिल्ली पर पड़ा।


भविष्य की स्थिति

केंद्र के एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम ने अनुमान लगाया है कि 5 नवंबर को भी हवा 'गंभीर' स्तर तक जा सकती है। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से दिल्ली में बारिश की संभावना नहीं है, केवल हल्के बादल छाए रहेंगे। बारिश न होने के कारण प्रदूषण में राहत मिलने की उम्मीद फिलहाल नहीं है।


प्रदूषण के कारण

डेटा के अनुसार, पराली जलाने से रविवार को दिल्ली के प्रदूषण में केवल 3.5 प्रतिशत योगदान रहा, जबकि शनिवार को यह 9 प्रतिशत था। पिछले साल की तुलना में इस बार फसल कटाई में देरी के कारण पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं। दिल्ली के प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान परिवहन क्षेत्र का है, जो 18.13 प्रतिशत है। इसके बाद झज्जर का 11.2 प्रतिशत और आवासीय क्षेत्र का 4.5 प्रतिशत योगदान है। लगभग 36.8 प्रतिशत प्रदूषण बाहरी स्रोतों से आ रहा है।


दिल्ली का तापमान

दिल्ली का न्यूनतम तापमान 16.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है। अधिकतम तापमान 30.7 डिग्री के आसपास रहा। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि 7 नवंबर के बाद न्यूनतम तापमान 15 डिग्री से नीचे जा सकता है, जबकि अधिकतम तापमान 29 से 31 डिग्री के बीच रहेगा।