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दिल्ली में वायु प्रदूषण: सरकार ने उठाए सख्त कदम

दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति के मद्देनजर, सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं। 15 दिसंबर को AQI 498 तक पहुंच गया, जिसके बाद निर्माण कार्यों पर रोक और मजदूरों को आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही, वर्क फ्रॉम होम को अनिवार्य किया गया है। जानें और क्या कदम उठाए गए हैं और नागरिकों से क्या अपेक्षाएँ की गई हैं।
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दिल्ली में वायु प्रदूषण: सरकार ने उठाए सख्त कदम

दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण


नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली इस समय गंभीर वायु प्रदूषण की समस्या का सामना कर रही है। वायु गुणवत्ता में निरंतर गिरावट से नागरिकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने तात्कालिक कदम उठाते हुए कामकाज और श्रमिकों से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, ताकि प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सके और प्रभावित व्यक्तियों को राहत प्रदान की जा सके।


15 दिसंबर का AQI

15 दिसंबर को दिल्ली में इस मौसम का सबसे खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 498 दर्ज किया गया, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं। सरकार का कहना है कि ये निर्णय अस्थायी हैं, लेकिन नागरिकों की सेहत और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इन्हें सख्ती से लागू किया जाएगा।


खराब हवा का प्रभाव

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 15 दिसंबर की सुबह दिल्ली का AQI 498 तक पहुंच गया, जो 'गंभीर से भी अधिक' श्रेणी में आता है। वायु गुणवत्ता में निरंतर गिरावट ने बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए खतरा बढ़ा दिया है। इसी को ध्यान में रखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेड IV के सबसे कड़े प्रतिबंध तुरंत लागू कर दिए हैं।


ग्रेड IV के तहत प्रतिबंध

ग्रेड IV लागू होने के बाद, दिल्ली में सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर रोक लगा दी गई है। इससे हजारों निर्माण श्रमिकों का रोजगार प्रभावित हुआ है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण श्रमिकों को ₹10,000 की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में दी जाएगी।


मजदूरों के लिए आर्थिक सहायता

दिल्ली सरकार का कहना है कि यह सहायता उन श्रमिकों के लिए है, जो प्रदूषण नियंत्रण उपायों के कारण फिलहाल काम नहीं कर पा रहे हैं। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से दी जाने वाली इस राशि का उद्देश्य श्रमिकों को दैनिक खर्चों में मदद करना है, ताकि काम बंद होने के बावजूद उनके परिवारों पर आर्थिक बोझ न बढ़े।


वर्क फ्रॉम होम का आदेश

इसके अलावा, सरकार ने सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम को अनिवार्य कर दिया है। स्वास्थ्य, आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को इस आदेश से छूट दी गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि निर्देशों का पालन न करने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा।


सरकार का निर्णय

सरकार का मानना है कि कार्यालयों में उपस्थिति कम होने से सड़कों पर वाहनों की संख्या घटेगी और प्रदूषण के स्तर को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा। प्रशासन ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे गैर-जरूरी यात्रा से बचें और मास्क का उपयोग करें। हालात सामान्य होने तक सख्ती जारी रखने के संकेत दिए गए हैं।