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दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब, स्वास्थ्य पर पड़ सकता है असर

दिल्ली में आज हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है, जिससे शहर के कई हिस्सों में घना स्मॉग छाया हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, AQI 336 तक पहुंच गया है। इससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। अधिकारियों ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए हैं, लेकिन नागरिकों को भी सावधान रहने की आवश्यकता है। जानें इस स्थिति के बारे में अधिक जानकारी और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां।
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दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब, स्वास्थ्य पर पड़ सकता है असर

दिल्ली की हवा की स्थिति


नई दिल्ली: आज दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। शहर के विभिन्न हिस्सों में घना स्मॉग छाया हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह 6 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 336 था, जो कि बहुत खराब श्रेणी में आता है। पिछले सप्ताह से दिल्ली में वायु की गुणवत्ता में गिरावट आई है।


स्वास्थ्य पर प्रभाव

इस समय दिल्ली की हवा में हानिकारक कणों की अधिकता है, जिससे कई लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। गले में खराश, आंखों में खुजली और सूखापन जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। सुबह के समय घने स्मॉग के कारण लोगों को ऑफिस जाने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।


विभिन्न क्षेत्रों में AQI स्तर

इलाके के हिसाब से हवा की क्वालिटी का लेवल:


दिल्ली के कई क्षेत्रों में AQI स्तर बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है, जिसका अर्थ है कि लंबे समय तक ऐसी हवा में सांस लेना सुरक्षित नहीं है। आनंद विहार, रोहिणी, पंजाबी बाग, मुंडका, अक्षरधाम और द्वारका जैसे क्षेत्र सबसे अधिक प्रदूषित हैं। कुछ सबसे खराब रीडिंग में नेहरू नगर (382), विवेक विहार (386), वजीरपुर (377), ITO (373) और पंजाबी बाग (372) शामिल हैं।


सरकारी उपाय

प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए सरकारी उपाय:


अधिकारियों ने पहले ही ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज II लागू कर दिया है। इसमें धूल पैदा करने वाले निर्माण और ध्वंस गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही वाहनों से निकलने वाले धुएं की जांच भी की जा रही है। प्रदूषण कम करने के लिए सड़कों पर पानी छिड़कने जैसे उपाय भी किए जा रहे हैं।


स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां

स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां:


प्रदूषण का स्तर इतना अधिक हो गया है कि लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है। विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या सांस संबंधी समस्याओं वाले व्यक्तियों के लिए यह बेहद जरूरी है। लोगों को घर के अंदर रहना चाहिए और यदि बाहर जाना आवश्यक हो, तो मास्क पहनना चाहिए। घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और अधिक पानी पिएं। अधिकारियों का कहना है कि वे प्रदूषण से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही, लोगों को बिना मास्क के बाहर जाने से बचना चाहिए।