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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की अधिसूचना के लिए मंडलायुक्त ने की प्रारंभिक बैठक

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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की अधिसूचना के लिए मंडलायुक्त ने की प्रारंभिक बैठक


श्रीनगर, 25 फरवरी (हि.स.)। झेलम नदी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हित करने तथा नामित करने के लिए मंडलायुक्त कश्मीर विजय कुमार बिधूड़ी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की अधिसूचना के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श करने के लिए मंगलवार को प्रारंभिक बैठक की।

बैठक में पुलवामा, श्रीनगर, बडगाम, बांदीपोरा तथा गंदेरबल के उपायुक्तों के अलावा सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण के मुख्य अभियंता, वन्यजीव एवं पारिस्थितिकी, पर्यावरण तथा सुदूर संवेदन विभागों के कार्यकारी अभियंता तथा अधिकारी शामिल हुए। आरंभ में आईएंडएफसी के संबंधित अधिकारियों ने एक विस्तृत प्रस्तुति दी जिसमें उन्होंने सितंबर 2014 की बाढ़ के जलमग्न क्षेत्रों, प्रभावित क्षेत्रों जैसे भूमि उपयोग और मानवीय गतिविधियों को विनियमित करने के लिए बाढ़ क्षेत्रीकरण के अलावा होकरसर वेटलैंड, नौगाम झील, हिगाम झील, नरकरा नम्बल, अंचार झील, वुलर झील, संगम से पादशाहीबाग तक झेलम नदी के बाएं किनारे सहित बाढ़ घाटियों की समग्र स्थिति और मानचित्रण का अवलोकन किया।

बैठक में बाढ़ के प्रभाव से निपटने और उसे कम करने के लिए विविध मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में मानवीय गतिविधियों की अनुमति के आधार पर निषिद्ध क्षेत्र, विनियमित क्षेत्र और चेतावनी क्षेत्र में क्षेत्रों के वर्गीकरण पर चर्चा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए मंडलायुक्त ने उपायुक्तों को सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण, वन और राजस्व विभागों के सदस्यों की बैठकें आयोजित करने के लिए प्रभावित किया ताकि बाढ़ घाटियों का व्यापक अध्ययन और सर्वेक्षण किया जा सके और क्षेत्रों की अधिसूचना के लिए अनंतिम प्रस्ताव प्रस्तुत किए जा सकें।

इस बीच खराब मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए मंडलायुक्त ने उपायुक्तों को सतर्क रहने और घाटी में आवश्यक सेवाओं के सुचारू और निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करने के लिए कर्मियों और मशीनरी को तैयार रखने का निर्देश दिया ताकि आम जनता को सुविधा हो सके।

हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह