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अग्नि सुरक्षा कार्ययोजना क्रियान्वयन निगरानी समिति की बैठक में किए गए अहम फैसले

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अग्नि सुरक्षा कार्ययोजना क्रियान्वयन निगरानी समिति की बैठक में किए गए अहम फैसले


-आग से सुरक्षा के लिए बिल्डिंग बायलॉज का सख्ती से हो अनुपालन

पटना, 11 जुलाई (हि.स.)। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में उपाध्यक्ष डॉ उदय कांत ने कहा कि राज्य में आग की दृष्टि से खतरनाक सरकारी भवनों को चिह्नित कर लिया गया है। इन्हें पहले नोटिस दिया जाएगा और स्थिति में सुधार न होने पर सील करने की कार्रवाई की जाएगी।

डॉ उदय कांत ने कहा कि अग्नि सुरक्षा के लिए हमें अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक तीन तरह की योजनाएं बनानी होंगी। वैसे तो आग लगने के बाद सभी हाथ-पैर मारते हैं लेकिन आग लगे ही नहीं, इसे लेकर अब तक विशेष विमर्श नहीं हुआ है। नजरिया बदलना होगा। हमें फायर फाइटिंग की बजाय फायर इंजीनियरिंग पर फोकस करना होगा। आग लगने की घटना का पूर्वानुमान लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तथा मशीन लर्निंग (एमएल) एवं आग पर काबू पाने के लिए रोबोट और ड्रोन जैसी नई तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना होगा।

एक सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आग लगने की तकरीबन 50 प्रतिशत घटनाएं बिजली के कारण होती हैं। ऊर्जा विभाग को अल्यूमीनियम वायर का इस्तेमाल रोकना होगा। ड्राई ट्रांसफार्मर लगाने होंगे। बड़े अपार्टमेंट, मल्टीप्लेक्स की लोड एनालिसिस सही तरीके से करनी होगी। शहर तेजी से हीट आईलैंड में तब्दील हो रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से परिस्थितियां दुष्कर होती जा रही हैं। आग लगने की घटनाएं पहले से काफी बढ़ी हैं। इसी के अनुरूप हम सभी को तैयार रहना होगा। पेड़ -पौधों तथा जलाशयों की रक्षा करनी होगी। उन्हें बढ़ाना होगा। अकीरा मियावाकी पद्धति से नए वन लगाने होंगे।

डॉ उदय कांत ने नेशनल बिल्डिंग कोड और बिहार बिल्डिंग बायलॉज की चर्चा करते हुए कहा कि इनमें अग्नि सुरक्षा को लेकर विस्तृत प्रावधान रखे गए हैं। भवन निर्माण विभाग को इसे कड़ाई से लागू करना होगा।

इस मौके पर महानिदेशक (अग्निशमन सेवाएं) शोभा अहोतकर ने समिति के कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के दिशानिर्देश पर यह समिति वर्ष-2017 में गठित की गई थी। वर्ष-2023 में इसका पुनर्गठन किया गया। सात विभागों के अपर मुख्य सचिव इसमें शामिल रखे गए हैं। अग्नि सुरक्षा योजना और उसके क्रियान्वयन पर यह समिति निगरानी रखती है। उन्होंने बताया कि विश्व के समक्ष जलवायु परिवर्तन आज सबसे बड़ी चुनौती के रूप में खड़ा है। इससे आग लगने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। रोजाना हमें नई-नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बिहार में अग्निशमन सेवा की तैयारियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कई नए अत्याधुनिक उपकरण खरीदे गए हैं। बड़ा हाइड्रोलिक वाहन खरीदा गया है। भर्तियां की जा रही हैं। इसे हर तरह से सक्षम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। हाल में ही सारे होटल और कोचिंग सेंटर की फायर ऑडिट विभाग ने कराई है। अस्पतालों की ऑडिट हम हर माह कराते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार

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