समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए करें अच्छे कर्म : प्रो. बी महादेवन
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कानपुर,24 फरवरी (हि. स)।छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ आर्ट्स ह्यूमिनिटिज एवं सोशल साइंसेज में एक दिवसीय भगवत गीता पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विवि के स्कूल ऑफ आर्ट्स ह्यूमिनिटिज एवं सोशल साइंसेज के सभागार में हुए इस आयोजन में देश भर से स्कॉलर्स ऑनलाइन एवं ऑफलाइन रूप से प्रतिभाग किये। मुख्य अतिथि के रूप में आईआईएम बैंगलोर के प्रोफेसर बी महादेवन शामिल हुए। यह जानकारी कार्यक्रम के संयोजक डॉ प्रशांत ने दी।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर बी महादेवन ने अपने सम्बोधन में कहा कि भगवान भी विकास के साथ साथ पुरानी चीजों को नष्ट करते जाते हैं। भगवान शिव को संहारकर्ता बताते हुए कहा कि किस प्रकार हमें अपने पुराने कर्मों को खत्म करके नए और अच्छे कर्म करने चाहिए जिससे कि समाज में हम लोग कुछ सकारात्मक परिवर्तन ला सके। उन्होंने महाभारत में श्री कृष्ण के उपदेशों को भी समझाया और उनका जीवन में किस प्रकार महत्व है यह भी बताया।
विशिष्ट अतिथि आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक ने बताया कि कठिन समय में भगवत गीता का पाठ मन को शांति प्रदान करता है। यह मानसिक कष्ट को कम करता है। जिससे व्यक्ति का मन शांत होता है। हमें भगवत गीता सिर्फ पढ़ना ही नहीं बल्कि उसको अपने जीवन में उतारना भी चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विवि के प्रतिकुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी ने बताया कि गीता के दो अर्थ होते हैं एक मृत्यु और एक समय। यही जीवन में दोनों आगे जाकर एक साथ जुड़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें जीवन के हर क्षण को धर्म, कर्म और समर्पण के साथ जीना चाहिए क्योंकि यही गीता का सच्चा संदेश है।
कार्यक्रम में आईआईएम लखनऊ से आए डॉक्टर कीर्ति वर्धन गुप्ता ने गीता के विश्व भर में प्रचार प्रसार के लिए मार्केटिंग मॉडल पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि गीता अब वैश्विक संस्थानों में अध्ययन-अध्यापन के लिए प्रमुख विषय है। विवि के कुलसचिव डॉ अनिल कुमार यादव ने बताया कि कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक के प्रयास से विवि में श्रीमद्भगवतगीता शोध पीठ के माध्यम से अकादमिक कार्य किया भी जा रहा है। इस अवसर पन डॉ आनंद कुलकर्णी ऑनलाइन माध्यम से यूके से जुड़े थे और उन्होंने जीवन में भगवत गीता के महत्व को बताया है।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ प्रशांत ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित दिया। शोध पीठ के संरक्षक डॉ उमेश पालीवाल ने सभी अतिथियों को स्वागत किया।
इस मौके पर डायरेक्टर सीडीसी प्रो राजेश कुमार द्विवेदी, प्रो संदीप सिंह, डॉ किरण झा, बलराम नरुला, अवनीश अवस्थी ने भी भगवत गीता के विभिन्न सोपानों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद