मुख्य चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में चुनाव आयोग 8-10 अगस्त तक जम्मू-कश्मीर का करेगा दौरा
जम्मू, 2 अगस्त (हि.स.)। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग, केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की 30 सितंबर की समयसीमा से कुछ सप्ताह पहले विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए 8-10 अगस्त तक जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगा। कुमार के साथ चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एस एस संधू भी होंगे।
मार्च में चुनाव आयुक्त जो उस समय केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करने वाले तीन सदस्यीय आयोग के एकमात्र सदस्य थे ने राजनीतिक दलों और जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वासन दिया था कि चुनाव आयोग जल्द ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराएगा। उस समय चुनाव आयुक्तों के दो पद खाली थे। 16 मार्च को लोकसभा चुनावों की घोषणा से कुछ दिन पहले उन्हें भरा गया था।
जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनावों में रिकॉर्ड मतदान के बाद कुमार ने कहा था कि यह सक्रिय भागीदारी जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एक बहुत बड़ी सकारात्मक बात है ताकि केंद्र शासित प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया जारी रहे।
श्रीनगर में आयोग सबसे पहले राजनीतिक दलों से मिलने की संभावना है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी और केंद्रीय बलों के समन्वयक के साथ समीक्षा की जाएगी। आयोग सभी जिलों के चुनाव अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ-साथ मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ तैयारियों की समीक्षा भी करेगा। 10 अगस्त को आयोग प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक के लिए जम्मू का दौरा करेगा। समीक्षा प्रक्रिया पर मीडिया को जानकारी देने के लिए यह जम्मू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेगा।
जम्मू और कश्मीर में चुनावी कवायद आमतौर पर एक महीने तक चलती है। परिसीमन अभ्यास के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को आवंटित सीटों को छोड़कर विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई है। पिछले दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने के नए संकेत देते हुए चुनाव आयोग ने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से कहा कि वह अपने गृह जिलों में तैनात अधिकारियों का तबादला कर दे। यह कदम चुनाव कराने से पहले उठाया गया है।
आयोग लगातार इस नीति का पालन करता रहा है कि चुनाव वाले राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराने से सीधे जुड़े अधिकारियों को उनके गृह जिलों या उन जगहों पर तैनात नहीं किया जाए, जहां वे लंबे समय से काम कर रहे हैं।लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारियों के तबादलों से संबंधित निर्देश जारी करना चुनाव आयोग के लिए आम बात है।
हाल ही में इसने जम्मू-कश्मीर और तीनों राज्यों में मतदाता सूचियों को अपडेट करने का आदेश दिया था। जून में इसने केंद्र शासित प्रदेश में पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों से ‘साझा चुनाव चिह्न’ आवंटित करने के लिए आवेदन स्वीकार करने का फैसला किया।
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह / प्रभात मिश्रा