जीआईएसः इन्वेस्टिंग इन ह्यूमन केपिटल-स्किल डेवलपमेंट सत्र में हुए आठ एमओयू
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- दो संस्थाओं ने एक हजार करोड़ के निवेश का रखा प्रस्ताव
भोपाल, 24 फरवरी (हि.स.)। भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में सोमवार को इन्वेस्टिंग इन ह्यूमन केपीटल-कौशल विकास विषय पर केंद्रित सत्र में उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित कार्यबल तैयार करने की रणनीतियों पर गहन मंथन हुआ। इस सत्र में कौशल विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए आठ प्रमुख औद्योगिक और शैक्षणिक संस्थानों के साथ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। सत्र में प्रमुख संस्थाओं ने प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के साथ मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता जताई। प्रदेश सरकार ने जीआईजेड और श्नाइडर, जीआईजेड और सीमेंस, साइंटेक टेक्नोलॉजीज, अपना टाइम टेक प्राइवेट लिमिटेड, मार्तंडक सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, उन्नति फाउंडेशन और वन वर्ल्ड अलायंस जापान के साथ ही समझौते किये गये।
इस अवसर पर कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने कहा कि उद्योगों के विकास के लिए प्रशिक्षित और दक्ष मानव संसाधन सबसे महत्वपूर्ण कारक है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक प्रगति के साथ ही प्रदेश के युवाओं को नवीनतम तकनीकों में दक्ष बनाना सरकार की प्राथमिकता है, जिससे वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप अपनी भूमिका सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार शासन कम, सुशासन अधिक की नीति के साथ काम कर रही है, जिसमें केवल सरकारी स्तर पर पहल न होकर निजी क्षेत्र की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि उद्योगों और प्रशिक्षण संस्थानों के बीच समन्वय स्थापित किया जाए, जिससे औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रणाली विकसित हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में देश एवं प्रदेश ने कौशल विकास को औद्योगिक नीति का अभिन्न अंग बनाया है, जिससे प्रदेश के युवाओं को आधुनिक औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित किया जा सके।
उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने निवेशकों से कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश के लिये आपकी भागीदारी अभिनंदनीय है। शिक्षा में मध्य प्रदेश निरंतर आगे बढ़ रहा है। तकनीकी शिक्षा में निवेश कर सरकार के सहभागी बनें। आप कैम्पस चयन की तरह ही संस्थाओं का चयन कर उनमें सेंटर खोलें, ताकि स्किल्ड युवा मिल सकें। प्रदेश में हम परम्परागत कोर्स को बदलकर इण्डस्ट्री की मांग अनुसार कोर्स सम्मिलित करते जा रहे हैं। मंत्री परमार ने तकनीकी एवं उच्च शिक्षा में निवेश करने का भी आह्वान निवेशकों से किया।
1000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव
सत्र में मध्य प्रदेश के शिक्षा और कौशल विकास परिदृश्य में दो महत्वपूर्ण निवेश की घोषणाएँ की गई हैं, जो प्रदेश को शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक नई ऊँचाई पर ले जाएंगी। पहली निवेश योजना जागरण सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा प्रस्तुत की गई है, जिसका प्रतिनिधित्व संस्था के अध्यक्ष हरि मोहन गुप्ता कर रहे हैं। श्रियुसबरी स्कूल, यूके की संस्थान भोपाल में पूरी तरह से आवासीय अंतरराष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना करने जा रहा है। 500 करोड़ रुपये के इस निवेश से अगस्त 2025 से विद्यालय का संचालन शुरू होगा, जो 11 से 18 वर्ष की आयु के छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करेगा और 500 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करेगा।
विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉ. भरत अग्रवाल द्वारा दूसरी निवेश योजना प्रस्तावित की गई है। विश्वकर्मा समूह अगले 3 से 5 वर्षों में 500 करोड़ रुपये का निवेश कर मध्य प्रदेश में एक स्व-वित्तपोषित निजी विश्वविद्यालय की स्थापना करेगा। इस विश्वविद्यालय में 25,000 छात्रों को शिक्षा प्रदान करने की योजना है, जिससे 2,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होंगे और शोध एवं उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
एक हजार करोड़ रुपये के दोनों निवेश मध्य प्रदेश को शिक्षा और कौशल विकास का अग्रणी केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। इससे प्रदेश के युवाओं को उज्जवल भविष्य की दिशा में सशक्त किया जाएगा।
प्रदेश में कौशल विकास को गति देने के लिए नई भागीदारी
सत्र के दौरान प्रदेश सरकार और औद्योगिक संस्थानों के बीच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। निजी औद्योगिक समूह ट्राइडेंट ग्रुप ने एसएसआर ग्लोबल कौशल पार्क में एफआईएएटी योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण सामग्री, तकनीकी शिक्षण प्रणाली और प्रशिक्षण के प्रभावी संचालन में सहयोग प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस भागीदारी के तहत ट्राइडेंट ग्रुप द्वारा 100 युवाओं के प्रशिक्षण और नियोजन के लिए निवेश किया गया है।
पैनल चर्चा में औद्योगिक विशेषज्ञों ने रखे विचार
सत्र के दौरान आयोजित पैनल चर्चा में कौशल विकास के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं और उद्योगों की आवश्यकताओं पर विस्तृत चर्चा हुई। इस चर्चा का संचालन एलएंडटी कौशल विकास मिशन के प्रमुख के. रामकृष्णन ने किया। चर्चा में सिंगापुर के आईटीई शिक्षा सेवा के मुख्य परिचालन अधिकारी लिम बून टियॉन्ग, ईवाई के वरिष्ठ भागीदार गौरव तनेजा, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मानव संसाधन प्रमुख वैभव गोयल, इंडो-जर्मन ग्रीन कौशल परियोजना के प्रमुख मोहम्मद बदरान, श्नाइडर इलेक्ट्रिक की नवाचार टीम की प्रमुख मेरी कैस्टेला और एक्सेंचर के प्रबंध निदेशक नवीन गुप्ता ने अपने विचार रखे।
पैनल में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि सरकार और उद्योग जगत को मिलकर प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने चाहिए। चर्चा में कौशल विकास को उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप रूपांतरित करने और नवीनतम तकनीकों को प्रशिक्षण में शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
प्रदेश सरकार की नीतियों से निवेशकों का भरोसा मजबूत
सत्र में उपस्थित उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश निवेश के लिए एक फवरेट डेस्टिनेशन बन रहा है। जागरण सोशल वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष हरि मोहन गुप्ता और विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी पुणे के अध्यक्ष भरत अग्रवाल ने कहा कि सरकार की उद्योग-हितैषी नीतियों और कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता से प्रदेश में निवेश की असीम संभावनाएं बनी हैं।
मध्य प्रदेश में औद्योगिक कौशल विकास को मिलेगा नया आधार
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के इस महत्वपूर्ण सत्र ने प्रदेश में औद्योगिक कौशल विकास को एक नई दिशा दी है। सरकार और उद्योगों की सहभागिता से मध्य प्रदेश न केवल देश का बल्कि वैश्विक कौशल विकास का एक प्रमुख केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश सरकार द्वारा किए गए नीतिगत सुधार और उद्योगों की सहभागिता से यहां के युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार के अवसर मिलेंगे और प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य को मजबूती मिलेगी। सत्र में देश-विदेश आये डेलीगेट्स और स्थानीय निवेशकों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर