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आपदा में जानमाल की हानि रोकने पर फोकस : डीएम दीक्षित

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नई टिहरी, 02 अगस्त (हि.स.)। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जनपद में लगभग 98 गांव चिन्हित किये गये हैं। इन गांवों में आपदा से कोई जानमाल की हानि न हो, इसके लिए पटवारियों के माध्यम से संवेदनशील स्थानों से लोगों को हटाये जाने का काम किया जा रहा है। नदी-नालों के किनारे रहने वाले लोगों को नोटिस भी दिये जा रहे हैं।

शुक्रवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में डीएम दीक्षित ने कहा कि जनपद में आपदा को देखते हुए पूरे अगस्त का महीना संवेदनशील है। जिसके चलते आपदा तंत्र से लेकर आम लोगों को अलर्ट किया गया है। भूगर्भीय सर्वे के बाद घनसाली व भिलंगना क्षेत्र के आपदाग्रस्त क्षेत्र जखन्याली में 10 और तिनगढ़ में लगभग 100 परिवारों को विस्थापित किये जाने की प्रक्रिया गतिमान है। विस्थापन के लिए भूमि चिन्हीकरण की कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ाई जा रही। डीएम ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी व स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी काम किया जा रहा है ताकि लोगों का जनजीवन जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके। राहत शिविर में रहने वाले प्रभावित परिवारों के लिए विस्थापन तक किराये पर रहने की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रभावित परिवार के बच्चों के एडमिशन नजदीकी स्कूलों में करने की भी व्यवस्था की जा रही है। घनसाली क्षेत्रान्तर्गत मुयालगांव में घनसाली-चिरबिटिया मोटर मार्ग को जोड़ने के लिए वैली ब्रिज पहुंच चुका है जिसे स्थापित करने का कार्य गतिमान है। बूढ़ाकेदार क्षेत्र में रीवर चैनलाइजेशन को निर्माण सामाग्री पहुंचाई जा चुकी है। जखन्याली, पिपोला तथा मुयालगांव में विद्युत आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। गांवों में सरकारी सम्पत्तियों के आंकलन का कार्य भी किया जा रहा है। तिनगढ़ में 44 परिवारों को प्रति परिवार पांच-पांच हजार रुपये अहेतुक राशि दिये जाने के साथ ही 74 परिवारों को एक लाख तीस हजार रुपये की दर से 74 परिवारों को भवन क्षति का मुआवजा दिया गया है। जखन्याली में पांच परिवारों को अहेतुक राशि दी गई है। ग्रामीणों के पशुओं के लिए चारे की भी व्यवस्था की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रदीप डबराल / वीरेन्द्र सिंह