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ग्वालियर: चार शुभ योग में 17 को मनेगी देवशयनी एकादशी

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ग्वालियर, 12 जुलाई (हि.स.)। आषाढ़ माह में देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को चार शुभ योग में मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन से भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं और कार्तिक माह में पडऩे वाली देवउठनी एकादशी पर जागते हैं। इन चार माह में संसार का संचालन भगवान शिव करते हैं।

ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी ने बताया कि सनातन धर्म में एकादशी तिथि का अत्यधिक महत्व है। वर्ष में 24 एकादशी आती हैं, लेकिन इनमें सबसे ज्यादा विशेष देवशयनी और देवउठनी एकादशी मानी जाती है। इस समय आषाढ़ माह चल रहा है और इसकी शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी के रूप में जाना जाता है। इस वर्ष यह एकादशी 17 जुलाई बुधवार को है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने के साथ ही श्री हरि विष्णु की पूरे विधि विधान से पूजा की जाए तो व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इस दिन आप यदि भगवान विष्णु को पीले पुष्प अर्पित करें तो आपका जीवन सुखमय हो जाता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि देवशयनी एकादशी से लेकर चार माह तक भगवान विष्णु शयन करते हैं। इन चार माह को चातुर्मास कहा जाता है। चातुर्मास में कोई भी शुभ-मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है, बल्कि ज्यादा से ज्यादा समय भगवान की पूजा-उपासना की जाती है।

देवशयनी एकादशी शुभ मुहूर्त: पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की एकादशी या देवशयनी एकादशी तिथि की शुरुआत 16 जुलाई मंगलवार रात 8:33 मिनट से होगी और 17 जुलाई बुधवार को रात 09:02 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, इस वर्ष देवशयनी एकादशी व्रत 17 जुलाई को रखा जाएगा। इस दिन एकादशी व्रत रखकर भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ऐसा करने से श्रीहरि की असीम कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

हिन्दुस्थान समाचार/शरद

हिन्दुस्थान समाचार / शरद शर्मा / नेहा पांडे