अनूपपुर: शिवालय में गूंजे हर हर महादेव, शिव का हुआ जलाभिषेक, भक्ति मे लीन रहें श्रद्धालु
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नर्मदा उद्गम में श्रद्धालुओं ने लगाई अस्था की डुबकी, सांसद ने अमरकंटक मेले का किया शुभारंभ
अनूपपुर/अमरकंटक, 26 फ़रवरी (हि.स.)। फाल्गुन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के मौके पर बुधवार को जिले में हर्षोउल्लास के साथ महाशिवरात्रि पर्व मनाया गया। शिवालयों में सुबह से ही भक्तों ने भगवान शिव-पार्वती की विशेष पूजा अर्चना कर प्रसाद के भोग लगाए। इस मौके पर कुछ स्थानों पर विशेष भंडारे के साथ मेले का भी आयोजन किया गया। जबकि अमरकंटक के मां नर्मदा उद्गम कुंड (सरोवर) में हजारों शिवभक्तों ने डुबकी लगाकर हर हर महादेव का जयघोष से सारा वातावरण गुंजायमान कर दिया।
देवालयो में लोग पूजा अर्चना, रुद्राभिषेक व जप करते देखे गये। मां नर्मदा उद्गम मंदिर में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने उद्गम मंदिर में मां नर्मदा व भगवान शंकर के देवालयों में मत्था टेका तथा भक्ति में लीन नजर आये। नर्मदा तट में श्रद्धालुओं ने स्नान किया तथा भोलेनाथ की पिंडी में जल का अर्पण किया। जिला मुख्यारलय के सामतपुर शिवमारूती मंदिर में प्रथम वर्ष विषेश पूजा के साथ शिव अभिषेक कर सवारी निकाली गई।
पांच दिवसीय अमरकंटक मेला का शुभारंभ
पवित्र नगरी अमरकंटक में आयोजित महाशिवरात्रि मेला सर्किट हाऊस ग्राउण्ड में बुधवार से प्रारम्भ हो गया। पांच दिवसीय मेला का शुभारंभ सांसद हिमाद्री सिंह ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर दिलीप पांडेय अतरिक्ति पुलिस अधीक्षक इसरार मंसूरी, एसडीएम पुष्पराजगढ़ महिपाल सिंह गुर्जर, तहसीलदार गौरीशंकर शर्मा, नगर पंचायत अमरकंटक की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नायब तहसीलदार कौशलेन्द्र मिश्रा, मुख्यर नगर पालिका अधिकारी, उपयंत्री, अंबिका तिवारी, रामगोपाल द्विवेदी, पत्रकार श्रवण उपाध्याय, मुन्नू पांडे सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। मेले के शुभारंभ के पश्चात मेले में लगाई गई विभिन्न विभागों के प्रदर्शनी के स्टालों का फीता काटकर अतिथियों ने शुभारंभ किया गया व अवलोकन करते हुए विभागीय अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। ज्ञात हो कि अमरकंटक मेले को में वर्ष 1772 में इसे राजकीय संरक्षण मिला था। मंडला के रामपुर रियासत के राजा हृदय शाह गौड़ ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सैनिकों की व्यवस्था की थी। नर्मदा मंदिर के पुजारी पंडित सुनील द्विवेदी के अनुसार, महाशिवरात्रि माता गौरी का विवाह उत्सव भी है। यहां नर्मदा स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि देवासुर संग्राम में राक्षसों का वध करने के बाद देवताओं ने यहां स्नान कर पाप मुक्ति पाई थी।
विभागीय प्रदर्शनी व भंडारा का प्रसाद
अमरकंटक में आयोजित महाशिवरात्रि मेले में मनोरंजक झूले के साथ ही विभिन्न सामग्रियों के विक्रय हेतु बाहर से आए दुकानदारों द्वारा दुकानें सुसज्जित ढंग से लगाई गई हैं। साथ ही विभागीय प्रदर्शनियों के स्टॉल भी लगाए गए हैं। मेले में स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए आवश्यगक व्यवस्थाएं की गई हैं। मां नर्मदा उद्गम मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। आवश्यक पुलिस बल भी लगाए गए हैं। महाशिवरात्रि पर्व पर अमरकंटक में स्थित मृत्युंजय आश्रम, कल्याण आश्रम, शांतिकुंती सहित अन्य आश्रमों ने भंडारा का प्रसाद का वितरण जा रहा हैं। वहीं छग में पड़ने वाले अमरेश्वर महादेव में लोगो की भीड़ सुबह से ही भगवान अमरेश्वर महादेव की पूजा अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किया। महाशिवरात्रि मेला के सुरक्षा को अनूपपुर पुलिस अधीधक मोतीउर रहमान व एसडीओपी पुष्पराजगढ़ नवीन तिवारी अमरकंटक मेला मैदान पहुंच कर मेले की सुरक्षा व्यवस्था को बारीकी से समीक्षा की।
अमरकंटक में महाशिवरात्रि का महत्व
अमरकंटक में महाशिवरात्रि का महत्व मां नर्मदा को शंकरी अर्थात भगवान शंकर की पुत्री कहा जाता है। अन्य नदियो से विपरीत नर्मदा से निकले हुए पत्थरों को शिव का रूप माना जाता है, ये स्वयं प्राण प्रतिष्ठित होते है अर्थात नर्मदा के पत्थरों को प्राण प्रतिष्ठित करने की आवश्यकता नहीं होती है, इसी कारण देश में ही नही विदेशों में भी नर्मदा से निकले हुए पत्थरो की शिवलिंग के रुप में सर्वाधित मान्यता है। जिसके कारण अमरकंटक में महाशिवरात्रि का बड़ा महत्व है। वहीं वेदों के अनुसार महाशिवरात्रि के मौके पर शिव की पूजा-अर्चना करने से मानव को मोक्ष की प्राप्ती होती है। मान्यता यह भी है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ था। जबकि अन्य मान्यताओं में इसी दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था। इस मौके पर नर्मदा सरोवर में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर माता नर्मदा एवं शिव को जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि के साथ अपने परिजनों की मनोकामना पूरी होने का वर मांगा। मंदिरो में भंडारा शाम तक बटता रहा।
पुलिस रहीं मुस्तैद
सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्थ् पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में अमरकंटक मेले में पर समुचित सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई है। प्रत्येक सेक्टर का प्रभारी राजपत्रित अधिकारी की नियुक्ति, सम्पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था का प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एसडीओपी पुष्पराजगढ़, एसडीओपी अनूपपुर सहित 100 का बल सम्पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य टीम एवं पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी के द्वारा भी समस्त धार्मिक स्थानों एवं मेला क्षेत्र की चेकिंग कराई जा रहीं है। घाटों में मोटर बोट, लाईफ जैकेट एवं संकेतक की पर्याप्त व्यवस्था सहित नाईट पेट्रोलिंग की व्यवस्था भी की जा रहीं है। अस्थाई मेला कन्ट्रोल,पब्लिक अनाउन्समेंट सिस्टम के माध्यम से निरंतर मानीटरिंग की जा रही है। मंदिरों, मेला क्षेत्र में पार्किंग व्यवस्था रहे इसके लिए पृथक से पेट्रोलिंग व्यवस्था लगाई गई है।
श्रीशिव मारुति मंदिर निकली बाबा महाकाल पालकी में सवारी
जिला मुख्यालय अनूपपुर में स्थित पांडव कालीन शिव मारुति मंदिर सामतपुर से बाबा महाकाल पालकी में सवार होकर अनूपपुर शहर का भ्रमण भ्रमण करते हुए शिव मारुति मंदिर में समाप्तप हो गई। महाशिवरात्रि पर्व पर श्रीशिव मारुति मंदिर सेवा समिति सामतपुर एवं महाकाल दरबार सेवा समिति द्वारा मंदिर परिसर में विभिन्न धार्मिक आयोजन किए गयें। रामायण संगीत के बाद शिव अभिषेक उपरांत विशाल भंडारा का आयोजन किया गया। शाम को महाकाल सवारी शोभायात्रा तथा ओम नमः शिवाय जप जागरण रात्रि 10 बजे से सुबह 06 बजे किया जा रहा हैं। महाकाल दरबार सेवा समिति द्वारा शिव मारुति सेवा समिति के सहयोग से प्रथम वर्ष भव्य महाकाल की शाही सवारी बाबा महाकाल पालकी शिव मारुति मंदिर समातपुर से निकाली गई। इस दौरान साथ में उज्जैन के अँघोरियों द्वारा अखाड़ा भी किया गया। बाबा महाकाल की सवारी सामतपुर मंदिर से बाज़ार होते हुए श्री दुर्गा मढ़ियाँ मंदिर में शिव शक्ति मिलन होगा।
शिवलहरा मेले पर उमड़ी भीड़
शिवलहरा मेले पर उमड़ी भीड़ भालूमाड़ा के अघोरी बाबा, हनुमान मंदिर, राम-जानकी मंदिर, अमन चौक, लाइन दफाई सहित अनेक मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ के दर्शन कर पूजा-अर्चना किए। कुछ स्थानों पर विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया। जबकि ऐतिहासिक पाडंवकालीन नागवंशी गुफाओं के लिए प्रसिद्ध केवई नदी तट स्थित शिवलहरा मंदिर धाम में दो दिवसीय मेला प्रारंभ हुआ, जहां सुबह से ही लोग केवई नदी में स्नान कर शिव को जल चढ़ाएं। यहां भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। दूरदराज से मेला में आने वाले लोगों ने भी दर्शन कर पूजा-अर्चना किए। मेले में सुरक्षा के लिए भालूमाड़ा पुलिस के साथ आसपास के थानों का बल व जिला प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा कोतमा नगर में भी महाशिवरात्रि पर्व की धूम रही। श्रद्वालुओं द्वारा भोले नाथ के मंदिरो में पहुंच बेल, फूल, धतूरा, बेर, मदार के फूल लेकर अर्पण कराया गया। इस दौरान जगह-जगह शिवजी का रुद्राभिषेक का आयोजन भी होता रहा। नगर के श्री गौरीशंकर मंदिर, बस स्टैंड परिसर, धर्मशाला मंदिर, विकास नगर, लहसुई कैम्प सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी भगवान भोले नाथ के जयकारो की गूंज बनी रही। इसी तरह जैतहरी के वार्ड 3 में स्थापित सिद्धबाबा डोंगरिया में भव्य मेला का आयोजन किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला