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विजयी उम्मीद्वारों के मंसूबों पर फिरा पानी, हाई कोर्ट ने चुनाव पर लगाई रोक

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विजयी उम्मीद्वारों के मंसूबों पर फिरा पानी, हाई कोर्ट ने चुनाव पर लगाई रोक


हरिद्वार, 25 फ़रवरी (हि.स.)। बहुउद्देशीय किसान सेवा सहकारी समिति के चुनाव सोमवार को सकुशल संपन्न हुए थे। लेकिन जीत की खुशी उस वक्त फीकी पड़ गई जब उन्हें अधिकारियों की ओर से चुनाव रद्द होने की सूचना मिली।

नैनीताल हाई कोर्ट ने मांगेराम सिरोही की याचिका पर सुनवाई करते हुए अग्रिम आदेश तक सरकार को चुनाव स्थगित करने के आदेश पारित कर दिए हैं। चुनाव रद्द होने की सबसे ज्यादा खुशी मुंडाखेड़ा किसान सेवा सहकारी समिति के किसानों को हुई है। मुंडा खेड़ा सहकारी समिति के सैकड़ों किसानों ने सहकारी समिति के कर्मचारियों पर मिलीभगत कर वोटर लिस्ट से करीब 400 किसानों के नाम काटने का आरोप लगाया था और प्रशासन से चुनाव रद्द करने की मांग की थी। इसी संदर्भ में एक अन्य याचिका की सुनवाई 24 फरवरी को हुई। हाईकोर्ट ने निर्णय देने के लिए के 27 फरवरी की तारीख दी है।

मामले की सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार से कहा कि चुनाव एकलपीठ के आदेश के अनुसार ही हों। अगली सुनवाई 27 फरवरी को होनी है तब तक के लिए सरकार को समिति के चुनाव स्थगित करने के आदेश दिए हैं।

हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करते हुए चुनाव अधिकारी ने सहकारी समिति के चुनाव को आदेश तक स्थगित कर दिया है। चुनाव रद्द होने से जीत कर आए नए डायरेक्टर सोना देवी, परवीन आर्यावर्त, जगमोहन, अमरजीत, कमलकांत, श्रुति अग्रवाल, मुनेश देवी, मोना, जतिन, सुरेश, गुलफाम, जाहिद, रमजान, मोहम्मद, रीना सैनी, पवन, जंग बहादुर, बाबूराम, चंद मीणा, प्रदीप कुमार, रचना देवी समेत तीन दर्जन से अधिक को झटका लगा है। उनका कहना है कि सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है। न्यायालय का यह निर्णय न्याय पूर्ण नहीं है।

वहीं जिला सहकारी निबंधक व चुनाव प्रभारी पुष्कर सिंह पोखरियाल ने बताया कि आदेशों का पालन करते हुए हाई कोर्ट के अग्रिम आदेश तक चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला