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हरेरा के क्रियान्वयन अधिकारियों को मिलेगी कलक्टर की पावर

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भवन निर्माण में देरी से प्रभावित आवंटियों को बिल्डरों से समय पर मिलेगा ब्याज का पैसा

चंडीगढ़, 16 मई (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने हरियाणा भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेेरा) के क्रियान्वयन अधिकारियों को कलक्टर की पावर देने का फैसला किया है। विभिन्न शहरों में जिला कलक्टर सह उपायुक्त के पास लंबित वसूली प्रमाणपत्रों के मामले अब हरेरा गुरुग्राम और पंचकूला में स्थानांतरित किए जाएंगे।

संपत्ति से जुड़े विवादों को तेजी से निपटाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने बुधवार की रात इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। अब हरेरा बिल्डरों से वसूली प्रमाण-पत्र का पैसा खुद वसूल कर सकेगा। पहले यह अधिकार उपायुक्तों के पास था। फैसले से डेढ़ हजार से अधिक आवंटियों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिनके करीब एक हजार करोड़ रुपये बिल्डरों के पास अटके हैं और उनकी रिकवरी नहीं हो पा रही है।

बिल्डर के निर्माण संबंधी परियोजनाओं का विवाद सुलझाने के लिए सरकार ने हरेरा का गठन हुआ है। ऐसी सैकड़ों शिकायतें हैं, जिनमें बिल्डर आवंटी से पूरी धनराशि लेने के बावजूद तय समय पर फ्लैट नहीं दे पाते। इससे आवंटी को फ्लैट मिलने में देरी के साथ ही भारी आर्थिक नुकसान होता है। ऐसे मामलों में अधिकतर लोग आरोपित बिल्डर के खिलाफ केस दायर कर अपने जमा पैसे पर ब्याज की मांग करते हैं। ऐसी शिकायतों पर हरेरा कोर्ट सुनवाई के बाद बिल्डर को जमा पैसे पर फ्लैट मिलने तक ब्याज देने का आदेश जारी कर देती है, लेकिन बिल्डर से पैसे वसूली में देरी होती है। आरसी के पैसे वसूलने की जिम्मेदारी अभी तक उपायुक्तों के पास थी, लेकिन उपायुक्त कार्यालयों की सुस्ती के कारण आवंटियों को समय से पैसा नहीं मिल पा रहा था। अब हरेरा के क्रियान्वयन अधिकारी इसे लागू कराएंगे। इससे आवंटियों को जल्द पैसा मिल सकेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील