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आईआईटी मंडी ने रसायन विज्ञान में मौलिक और उन्नत अनुसंधान पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

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आईआईटी मंडी ने रसायन विज्ञान में मौलिक और उन्नत अनुसंधान पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
आईआईटी मंडी ने रसायन विज्ञान में मौलिक और उन्नत अनुसंधान पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन


मंडी, 11 जून (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी ने रसायन विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर किए जा रहे वर्तमान शोध को समर्पित रसायन विज्ञान में मौलिक और उन्नत अनुसंधान पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। पिछले कुछ वर्षों में रसायन विज्ञान में अनुसंधान में जबरदस्त वृद्धि हुई है, जिससे सामाजिक सुधार के लिए कई विकल्प सामने आए हैं। इस सम्मेलन में रसायन विज्ञान के उन्नत क्षेत्रों में ज्ञान हस्तांतरण और मानव जीवन की बेहतरी में योगदान देने के लिए कई देशों के प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

आईआईटी मंडी के प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा, प्रो. पी.सी. परमेश्वरन, प्रो. चयन के. नंदी, डॉ. गरिमा अग्रवाल, डॉ. मौप्रिया दास, डॉ. अभिषेक दीवानजी और डॉ. नारायण सिन्हा ने इस प्रतिष्ठित सम्मेलन की स्थानीय आयोजन समिति का गठन किया। एफएआरसी - 2024 के अध्यक्ष प्रो. चयन के. नंदी ने कहा कि स्कूल ऑफ केमिकल साइंसेज के हमारे सभी संकाय सहयोगियों ने कॉन्फ्रेंस के हर पहलू में हमारा पूरा साथ दिया। उन्होंने आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा और स्कूल ऑफ केमिकल साइंसेज के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप परमेश्वरन को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने प्रस्ताव दिया कि कॉन्फ्रेंस द्विवार्षिक हो और अगली बार यह 2026 में आयोजित की जाएगी। इस सम्मेलन के प्रमुख विषयों में उन्नत कार्यात्मक सामग्री, सिंथेटिक कार्बनिक रसायन, हरित रसायन, अकार्बनिक और ऑर्गेनोमेटेलिक रसायन, सामग्रियों की स्पेक्ट्रोस्कोपी, इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी और अनुप्रयोग, एकल अणु स्पेक्ट्रोस्कोपी, नैनोमटेरियल और नैनोकंपोजिट्स, बायोपॉलिमर और बायोमटेरियल, सैद्धांतिक और कम्प्यूटेशनल रसायन, फोटोकैटलिसिस और इलेक्ट्रोकैटलिसिस, और अपशिष्ट प्रबंधन और स्थिरता शामिल थे।

मुख्य वक्ताओं में से एक, मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर द फिजिक्स ऑफ कॉम्प्लेक्स सिस्टम्स के प्रबंध निदेशक प्रो. फ्रैंक जूलिचर ने उल्लेख किया कि उन्हें सभी वार्ताएं प्रेरक लगीं, जो बहुत उच्च गुणवत्ता वाले विज्ञान को दर्शाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि सम्मेलन में विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों को शामिल किया गया है, इसलिए विचारों के आदान-प्रदान की अत्यधिक संभावना है जो विशिष्ट और बहु-विषयक दोनों कार्यों की प्रगति में मदद कर सकता है।

एक अन्य आमंत्रित वक्ता प्रो. भुवनेश गुप्ता ने उल्लेख किया कि सहयोगात्मक बातचीत के अपार अवसरों को देखते हुए आईआईटी मंडी में एफएआरसी-2024 एक आदर्श स्थान है। तीन दिवसीय सम्मेलन में भारत और दुनिया भर के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं ने भाग लिया, जो विचारों के आदान प्रदान के लिए एक जीवंत मंच प्रदान करता है। उपस्थित लोगों में प्रायोगिक और सैद्धांतिक रसायनज्ञ, प्रकाश और इलेक्ट्रॉन सूक्ष्म इमेजिंग विशेषज्ञ, सामग्री वैज्ञानिक, पॉलिमर रसायनज्ञ और बहुत कुछ शामिल थे। एफएआरसी - 2024 में विश्व भर के कई प्रतिष्ठित वक्ताओं के साथ-साथ 160 उच्च गुणवत्ता वाले पोस्टर प्रस्तुतियां भी आयोजित की गईं। इनमें प्रो. अमित मेलर, टेक्नियन-इज़राइल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इज़राइल, प्रो. फ्रैंक जुलीचर, मैक्स-प्लैंक-इंस्टीट्यूट फॉर द फिजिक्स ऑफ कॉम्प्लेक्स सिस्टम्स, जर्मनी, प्रो. रोडोल्फे एंटोनी, इंस्टिट्यूट लुमीएर मैटियेर, फ़्रांस, प्रो. पीटर पोहल, जोहान्स केप्लर विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रिया, प्रो. रेने एम. कोनिग्स, आरडब्ल्यूटीएच आचेन विश्वविद्यालय, जर्मनी, प्रो. एफ. एक्केहार्ट हैन, म्यूएनस्टर विश्वविद्यालय, जर्मनी , प्रो. तपस चक्रवर्ती, आईएसीएस, कोलकाता, भारत, प्रो. कृष्णा पी. कलिअप्पन, आईआईटी बॉम्बे, भारत, प्रो. भुवनेश गुप्ता, आईआईटी दिल्ली, भारत, प्रो. सरबानी तारफदर। आईआईटी खड़गपुर, भारत और प्रो. अमलेंदु चंदर, आईआईटी कानपुर, भारत शामिल रहे।

सम्मेलन में भविष्य की बेहतरी के लिए युवा और अनुभवी शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, प्रौद्योगिकीविदों और नीति नियोजकों के बीच विचार-मंथन सत्र आयोजित किए गए।प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रकाशन गृह, विली तीन प्रतिष्ठित पत्रिकाओं, केमिस्ट्री- एन एशियन जर्नल, एशियन जर्नल ऑफ ऑर्गेनिक केमिस्ट्री और केमनैनोमैट के साथ सम्मेलन FARC-2024 पर केंद्रित एक विशेष संग्रह कर रहा है। सम्मेलन के प्रसिद्ध वक्ताओं और प्रतिभागियों को तीन सहकर्मी-समीक्षित वैज्ञानिक पत्रिकाओं में उनके उल्लेखनीय योगदान को प्रकाशित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

आईआईटी मंडी के प्रो. चयन नंदी और आरडब्ल्यूटीएच आचेन विश्वविद्यालय के प्रो. रेने एम. कोएनिंग्स ने सम्मेलन संग्रह के लिए अतिथि संपादक बनने पर सहमति व्यक्त की है। विली सम्मेलन आयोजकों के साथ संग्रह के लिए सहयोग करने में प्रसन्न है जो निश्चित रूप से युवा वैज्ञानिक दिमागों के लिए संसाधनपूर्ण साबित होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ मुरारी/सुनील