अधिकार पाने के लिए जरूरत पड़ी तो कोयला खदानों को करेंगे बंद : मुख्यमंत्री

धनबाद, 4 फ़रवरी (हि.स.)। धनबाद के रणधीर वर्मा स्टेडियम गोल्फ ग्राउंड में मंगलवार काे झारखंड मुक्ति मोर्चा के 53वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, उनकी पत्नी सह गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, तमाम विधायक और पार्टी के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य उपस्थित रहे। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार से बकाया राशि एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये पाने के लिए जरूरत पड़ने पर झारखंड के कोयला खदानों को बंद कर तक कि बातें कही।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना काल में लोगों की सेवा करते-करते हमारे दो मंत्री शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि झारखंड की खनिज संपदा से पूरा देश रौशन होता है और उसी झारखंड के लोग भूख से मरने लगे। तब जाकर झारखंड मुक्ति मोर्चा जो हमेशा एक सिपाही की भूमिका में रही, उसने ये संकल्प लिया कि सत्ता से इन बेईमानों को बेदखल करना होगा। तब हमने एक लंबा संघर्ष यात्रा निकाला और जनता के आशीर्वाद से हमने वर्ष 2019 में सत्ता वापस पाया।
उन्होंने कोयला रॉयल्टी के बकाया राशि की बात करते हुए कहा अधिकार छिनने से मिलता है। यहां के सांसद जब दिल्ली जाते है तो झारखंड का हक मांगने की जगह अपने मुंह पर टेप साट लेते है। लेकिन हम अपना अधिकार लेके रहेंगे। इसके लिए जरूरत पड़ी तो कानूनी रास्ता अख्तियार किया जाएगा और इससे भी बात नही बनी तो यहां का कोयला खदान बंद कर दिया जाएगा।
वहीं कल्पना सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन जब जेल गए थे, तब वो हेमंत सोरेन थे, लेकिन जब वह जेल से बाहर आए तो वह गुरुजी बनकर बाहर निकले। उन्होंने कहा कि महिला अब झारखंड में अंबाला नहीं है, क्योंकि महिलाओं के पास महिला सम्मान योजना है। मंईयां सम्मान योजना महिलाओं की जीत है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार झा