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संगठित भिक्षावृत्ति” से निपटने में तत्काल ध्यान देने की थीआवश्यकता:- भाजपा

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संगठित भिक्षावृत्ति” से निपटने में तत्काल ध्यान देने की थीआवश्यकता:- भाजपा


संगठित भिक्षावृत्ति” से निपटने में तत्काल ध्यान देने की थीआवश्यकता:- भाजपा


जम्मू, 23 फ़रवरी (हि.स.)। यह स्पष्ट हो गया है कि जम्मू में भिक्षावृत्ति की समस्या एक गहरी जड़ें जमा चुकी है और संगठित बुराई बन गई है जो न केवल सार्वजनिक व्यवस्था बल्कि हमारे समाज के नैतिक और सामाजिक ताने-बाने को भी खतरे में डालती है आज पार्टी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रवक्ता एडवोकेट अंकुर शर्मा ने यह बातें कही। उन्होंने कहा कि जिसे कभी गरीबी से प्रेरित सामाजिक बुराई माना जाता था वह अब संगठित अपराध के एक व्यवस्थित नेटवर्क में बदल गया है जो कमजोर लोगों का शोषण करता है और आम नागरिकों की करुणा का शिकार होता है।

जांच और जमीनी रिपोर्ट बताती हैं कि जम्मू में भिक्षावृत्ति अब हताशा का काम नहीं रह गया है बल्कि आपराधिक सिंडिकेट द्वारा प्रबंधित एक संगठित उद्योग बन गया है। ये नेटवर्क विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों, धार्मिक स्थलों और यातायात चौराहों पर भिखारियों की आवाजाही और स्थिति को व्यवस्थित करने में शामिल हैं। इनमें से कई व्यक्ति जम्मू के मूल निवासी नहीं हैं बल्कि अन्य राज्यों से लाए गए हैं जो एक बड़े अंतरराज्यीय और संभवतः अंतरराष्ट्रीय रैकेट का संकेत देते हैं।

इस संगठित भिक्षावृत्ति के परिणाम दिखने वाले परिणामों से कहीं अधिक गंभीर हैं। रिपोर्टों ने भिक्षावृत्ति रैकेट और कई तरह के अपराधों के बीच संबंधों को उजागर किया है जिसमें छोटी-मोटी चोरी और जेबकतरी से लेकर ड्रग तस्करी, जासूसी, आतंकवाद और मानव तस्करी जैसे अधिक गंभीर अपराध शामिल हैं। विशेष रूप से चिंताजनक बात यह है कि बच्चों के अपहरण के मामलों में वृद्धि हो रही है जहाँ मासूम बच्चों की तस्करी की जाती है और उन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर किया जाता है उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में रखा जाता है और बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित किया जाता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता