सीयूजे में हिंदी साहित्य एवं संस्कृति पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

जम्मू, 25 फ़रवरी (हि.स.)। जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग ने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रीय केन्द्र, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के सहयोग से भारतीय ज्ञान परम्पराओं एवं संस्कृति के आलोक में जम्मू एवं कश्मीर का हिंदी साहित्य विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया।
दूसरे दिन के पहले सत्र की अध्यक्षता तुलनात्मक धर्म अध्ययन केन्द्र के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित गुप्ता ने की तथा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शशिकांत मिश्रा ने इसका संचालन किया। सत्र की शुरुआत विभागाध्यक्ष प्रो. भारत भूषण के स्वागत भाषण से हुई। कुल पांच विद्वानों ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया जबकि नौ विद्वानों एवं प्रोफेसरों ने वर्चुअल रूप से अपने शोध प्रस्तुत किए। प्रख्यात वक्ताओं में कालिंदी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से डॉ. आरती पाठक, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना से डॉ. चंदन कुमार और हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, इग्नू और दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के कई शोध विद्वान शामिल थे। उनके प्रस्तुतीकरणों ने जम्मू और कश्मीर में हिंदी साहित्य और सांस्कृतिक परंपराओं के बीच गहरे अंतर्संबंधों की खोज की।
संगोष्ठी के समापन पर डॉ. शशिकांत मिश्रा ने कार्यवाही की एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की और सभी शोधपत्र प्रस्तुतकर्ताओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण जम्मू और कश्मीर का हिंदी साहित्य और संस्कृति पुस्तक का विमोचन था जो संगोष्ठी के शोधपत्रों का संकलन है जिसका उद्घाटन सत्र के दौरान विमोचन किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा