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आदर्श आचार संहिता के नाम पर साइन बोर्ड को लेकर भेदभावपूर्ण कार्रवाई करना पूरी तरह से गलत: प्रीति खजूरिया

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उधमपुर, 4 अप्रैल (हि.स.)। आदर्श आचार संहिता के नाम पर पार्षदों द्वारा जो साइन बोर्ड लगाए गए थे उन्हें हटाया गया है वो पूरी तरह से गलत है जिसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है। उक्त बातें पूर्व पार्षद प्रीति खजूरिया ने एक पत्रकारों से बात करते हुए कहीं।

उन्होंने कहा कि उन्होंने गलियों को दर्शाने हेतु साइन बोर्ड लगाए थे जिन पर ना तो कोई फोटो लगाया गया था और न ही उन पर ऐसा कुछ लिखा गया था कि जिससे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होता हो। उनका कहना था कि प्रशासन द्वारा रात के अंधेरे में साइन बोर्डों को हटा दिया गया। अगर इनमें कुछ गलत था तो उन्हें दिन के उजाले में हटाना चाहिए था ना की रात के अंधेरे में। उनका कहना था कि उन्होंने करीब दो वर्ष पहले यह साइन बोर्ड लगाये थे और उन्हीं को देखते हुए अन्य पार्षदों ने भी अपने-अपने वार्ड में साईन बोर्ड लगाने का कार्य किया था। उनका कहना था कि इस समय कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया जा रहा है जिससे की आचार संहिता का उल्लंघन हो।

वहीं उन्होंने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने केवल उन पार्षदों के साइन बोर्ड को हटाया जो विपक्ष में थे जबकि जो भाजपा के पार्षद थे उन पर कपड़ा डाल दिया गया। उनका कहना था कि कार्रवाई करनी थी तो सभी के लिए बराबर करनी चाहिए न की केवल दूसरे दलों को निशाना बनाकर करनी चाहिए। वहीं उन्होंने यह भी मांग की कि प्रशासन को शिकायत करने वाले का नाम भी उजागर किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि अगर इसी तरह से कार्रवाई करनी है तो फिर प्रधानमंत्री या फिर सांसद द्वारा जो कार्य करवाए गए हैं तथा उनके नाम की जो प्लेटें लगी है उनको भी निकाल देना चाहिए।

उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह करते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने जिस प्रकार से साइन बोर्ड को हटाया है उसी प्रकार से उन्हें वापिस लगाया जाए अन्यथा वह पूरे शहर से साइन बोर्ड को हटाने के साथ-साथ यह बताए किस के कहने पर यह कार्य किया गया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बात को पर्यवेक्षक के समक्ष मेल व फोन के जरिए रख दिया है उनसे आग्रह किया कि वह इस पर उचित कार्रवाई करें।

हिन्दुस्थान समाचार/रमेश/बलवान