जम्मू और कश्मीर ने अमृत परियोजना में अग्रणी भूमिका निभाई, राष्ट्रव्यापी जल संरक्षण अभियान ने गति पकड़ी
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जम्मू, 23 फ़रवरी (हि.स.)। जम्मू और कश्मीर ने जल संरक्षण और स्वच्छता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अमृत परियोजना के तीसरे चरण को पूरे केंद्र शासित प्रदेश में लगभग 30 स्थानों पर सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।
इसी संबंध में जम्मू के सिधरा में तवी नदी के तट पर एक बड़ा स्वच्छता अभियान आयोजित किया गया जहाँ स्वयंसेवक नदी के किनारों की सफाई करने और जल निकायों के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक साथ आए।
संत निरंकारी मिशन जम्मू के जोनल इंचार्ज अजीत सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ जल और स्वस्थ वातावरण विरासत में मिले।
जम्मू और कश्मीर से आगे बढ़ते हुए स्वच्छ जल स्वच्छ मन थीम के तहत आयोजित यह राष्ट्रव्यापी आंदोलन भारत के सभी 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 900 शहरों में 1600 से अधिक स्थानों पर चलाया गया। संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह पहल बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की शिक्षाओं से प्रेरित है और इसे भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से 2023 में लॉन्च किया गया था। अमृत परियोजना जल स्रोतों की स्वच्छता और संरक्षण के लिए समर्पित है जो एक ऐसी मानसिकता पैदा करती है जहाँ जल संरक्षण जीवन का एक तरीका बन जाता है।
पहले दो चरणों की सफलता के साथ तीसरे चरण को एक व्यापक दृष्टिकोण के साथ शुरू किया गया है जिसका उद्देश्य भारत के जल संसाधनों की सुरक्षा के लिए व्यापक जागरूकता और प्रतिबद्धता पैदा करना है। इस आंदोलन में जम्मू और कश्मीर की भागीदारी स्थायी जल संरक्षण प्रयासों के प्रति क्षेत्र के समर्पण को दर्शाती है जो देश के बाकी हिस्सों के लिए एक मिसाल कायम करती है।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा