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धमतरी : झुंझराकसा के कमारपारा में बच्चों के लिए आंगनबाड़ी नहीं

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धमतरी : झुंझराकसा के कमारपारा में बच्चों के लिए आंगनबाड़ी नहीं
धमतरी : झुंझराकसा के कमारपारा में बच्चों के लिए आंगनबाड़ी नहीं


धमतरी, 13 फरवरी (हि.स.)। कमार बच्चों को पोषक आहार व शिक्षा दिलाने ग्रामीण पिछले 10 सालों से मिनी आंगनबाड़ी खोलने की मांग लेकर कलेक्ट्रेट का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन आज तक नहीं खुला। अधिकारी व जनप्रतिनिधियों ने ध्यान नहीं दिया। अब कमारों के लिए जनमन योजना लागू हो चुका है, ऐसे में ग्रामीण पुन: गांव में आंगनबाड़ी खोलने की मांग लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं। मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन को दिए है।

नगरी ब्लाॅक अंतर्गत ग्राम पंचायत झुंझराकसा है। यहां की सरपंच कलेश्वरी मरकाम व ग्रामीण धरम सिंह, सविता कोडोपी, आत्माराम मंडावी, अभिलाल नेताम, मंशाराम, गजेन्द्र आदि 13 फरवरी को कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि झुंझराकसा में आंगनबाड़ी संचालित है, लेकिन यहां के आश्रित कमारपारा में आंगनबाड़ी नहीं है। वर्तमान में संचालित आंगनबाड़ी से यहां की दूरी करीब एक किलोमीटर है। साथ ही बीच रास्ते पर नाला है, जिसमें पानी भरा रहता है। बारिश के दिनों में कई मुसीबतें सामने आती है। जंगल मार्ग भी है। जंगली-जानवरों से खतरा बना रहता है, ऐसे में कमार बच्चे आंगनबाड़ी नहीं जा पाते। जबकि कमारपारा में 23 छोटे बच्चे हैं, जो आंगनबाड़ी जा सकते हैं। ऐसे बच्चों के लिए पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीण लगातार मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र की मांग कर रहे हैं, ताकि कमार बच्चों को पोषक आहार व शिक्षा मिल सके। इसे लेकर शासन-प्रशासन गंभीर नहीं है। झुंझराकसा के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल संचालित है, जहां शिक्षकों की कमी बनी हुई है। प्राथमिक शाला में 41 बच्चों के लिए सिर्फ एक ही शिक्षक है, इससे पढ़ाई प्रभावित है। वहीं माध्यमिक शाला में 23 विद्यार्थी है। इन विद्यार्थियों के लिए दो शिक्षक है, जो पर्याप्त नहीं है।

ग्रामीणों का कहना है कि यहां बेहतर पढ़ाई के लिए शासन-प्रशासन शीघ्र ही शिक्षक-शिक्षिकाओं की पदस्थापना करें, ताकि शिक्षकों के अभाव में विद्यार्थियों का भविष्य खराब न हो। पिछले 10 सालों से यहां के ग्रामीण कमारपारा में मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने की मांग कर रहे हैं, ताकि बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सके। बच्चे कुपोषण का शिकार न हो। ऐसे में ग्रामीणों ने कहा कि अब जनमन योजना लागू हो गई है, जो कमारहित में है। शासन-प्रशासन शीघ्र यहां मिनी आंगनबाड़ी खोलें, ताकि कमार बच्चों व परिवार को इसका लाभ मिल सके।

हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा