जेकेपीसीसी प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने राज्य के दर्जे की प्रतिबद्धता पर भाजपा से सवाल पूछे
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जम्मू, 23 फ़रवरी (हि.स.)। जेकेपीसीसी प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने रविवार को भाजपा की आलोचना करते हुए स्पष्ट करने की मांग की कि क्या जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा मोदी सरकार का एक और जुमला था। मुट्ठी में एक कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कर्रा ने कहा स्थानीय भाजपा ने लोगों से भारी जनादेश प्राप्त करने के बावजूद इस मांग पर चुप्पी साध रखी है।
कर्रा ने फिर से पुष्टि की कि जब तक केंद्र संसद में, सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष और हाल के चुनावों के दौरान राज्य के दर्जे के लिए अपनी प्रतिबद्धता को पूरा नहीं करता तब तक कांग्रेस शांत नहीं होगी। उन्होंने भाजपा पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि निर्वाचित सरकार के बिना शासन ने बेरोजगार युवाओं, दिहाड़ी मजदूरों, संविदा कर्मियों और विभिन्न अस्थायी कर्मचारियों की पीड़ा को और बढ़ा दिया है।
डोगरा समुदाय की चिंताओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने पहचान, भूमि और नौकरियों पर अधिकारों के नुकसान और स्थानीय संसाधनों और संस्कृति पर बाहरी लोगों के बढ़ते प्रभाव पर दुख जताया। डीसीसी ग्रामीण द्वारा ठा. हरि सिंह चिब के नेतृत्व में आयोजित सम्मेलन में तारा चंद, रमन भल्ला, चौ. लाल सिंह और अन्य सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने भाग लिया।
कई कांग्रेस नेताओं ने कर्रा की भावनाओं को दोहराया और डोगरा पहचान की रक्षा करने में विफल रहने, जम्मू में अपराध और नशीली दवाओं के मुद्दों को नजरअंदाज करने और मनमाने ढंग से जम्मू-कश्मीर से उसका विशेष दर्जा छीनने का भाजपा पर आरोप लगाया। उन्होंने राज्य का दर्जा और संवैधानिक अधिकारों की बहाली के लिए लड़ाई जारी रखने की कसम खाई। बढ़ती जनता की हताशा के साथ कांग्रेस नेताओं ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और अन्य सहयोगी दलों से राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने के प्रयासों को तेज करने का आग्रह किया और इसे जम्मू-कश्मीर के लोगों का मौलिक अधिकार बताया
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा