जय भवानी-हर हर महादेव के जयघोष से गूंज उठी काशी, जाणता राजा महानाट्य का शुभारंभ
-महानाट्य से होगा भारतीय संस्कृति का उद्घोष : लक्ष्मण आचार्य
वाराणसी, 21 नवम्बर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एम्फी थियेटर खेल मैदान में मंगलवार शाम हिंदवी साम्राज्य की स्थापना का दृश्य जीवंत दिखा। अवसर रहा छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित महानाट्य जाणता राजा की दमदार प्रस्तुति का। महानाट्य देख मैदान में मौजूद हजारों दर्शकों ने जय भवानी-हर हर महादेव का गगनभेदी जयकारा जमकर लगाया। नाटक में मां तुलजा भवानी की आरती के बाद महानाट्य जाणता राजा में शानदार आतिशबाजी, शिवाजी और मुगल सम्राट औरंगजेब के बीच युद्ध, किला, पालकी और घोड़े, हाथी देख दर्शक गदगद दिखे। नाट्य में शिवाजी महाराज के जन्म से पहले का युग, उनका जन्म, मुकदमा चलाने की उनकी शैली, अफजल खान की हत्या, आगरा से भागना और रोमांचकारी राज्याभिषेक समारोह का मंचन किया गया।
इसके पहले महानाट्य का उद्घाटन सिद्ध पीठ हथियामठ पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति जी महाराज, सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य, केन्द्रीय मंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पांडेय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत प्रचारक रमेश ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति जी महाराज ने कहा कि जन-जन के मन को शिवाजी का चरित्र वैसा ही छूएगा जैसा श्रीराम चरित्र मानस पढ़ने के बाद भगवान राम कण-कण में विद्यमान दिखाई देते हैं। वर्तमान समय में भारत में उस उत्साह के लहर की सुनामी आ चुकी है, जहां हिंदू समाज भगवान राम और शिवाजी के हिंदवी साम्राज्य से प्रेरणा लेकर गर्व से कह रहा है हम हिंदू हैं।
सिक्किम के राज्यपाल ने कहा कि महानाट्य भारतीय संस्कृति की उद्घोष करने वाला है। हिंदवी साम्राज्य की स्थापना के 350 वर्ष पूर्ण और स्वतंत्रता के अमृतकाल के अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित महानाट्य देश को एक राष्ट्र बनाने की सोच को साकार करने में सहायक होगा। काशी के पुरोहितों ने ही शिवाजी महाराज को तिलक लगाकर जाणता राजा यानी बुद्धिमान राजा से सुशोभित किया था। सेवा भारती काशी प्रांत के पहल पर जाणता राजा महानाट्य का मंचन 26 नवंबर तक किया जाएगा। लगभग 60,000 लोग महानाट्य का मंचन देखेंगे। जाणता राजा काशी प्रांत आयोजन समिति के अध्यक्ष अभय सिंह,आयोजन सचिव अनिल किंजवेकर, सेवा भारती काशी प्रांत के अध्यक्ष राहुल सिंह, महामंत्री जीउत राम विश्वकर्मा ने अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह देकर किया।
इस अवसर पर आरएसएस के प्रान्त कार्यवाह मुरली पाल, सह प्रांत कार्यवाह डॉ राकेश तिवारी, सतीश जैन, हरिनारायण विसेन, डॉ ज्ञान प्रकाश मिश्र, हरेन्द्र राय, राघव मिश्र, डॉ मनीष त्रिपाठी, पद्मश्री प्रोफेसर कमलाकर त्रिपाठी, कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, भाजपा जिलाध्यक्ष और एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, मीना चौबे, शुकदेव त्रिपाठी आदि की उपस्थिति रही।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश