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माइनिंग के लिए केबीपी कंपनी ने कड़ी सुरक्षा के बीच किया भूमि पूजन

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माइनिंग के लिए केबीपी कंपनी ने कड़ी सुरक्षा के बीच किया भूमि पूजन


माइनिंग के लिए केबीपी कंपनी ने कड़ी सुरक्षा के बीच किया भूमि पूजन


माइनिंग के लिए केबीपी कंपनी ने कड़ी सुरक्षा के बीच किया भूमि पूजन


माइनिंग के लिए केबीपी कंपनी ने कड़ी सुरक्षा के बीच किया भूमि पूजन


रामगढ़, 23 फ़रवरी (हि.स.)। रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड अंतर्गत कोतरे बसंतपुर पचमो में माइनिंग के लिए केबीपी कंपनी ने कड़ी सुरक्षा के बीच भूमि पूजन किया। रविवार की सुबह से ही भूमि पूजन के लिए केपी कंपनी के मालिक और कर्मचारी खड़े थे। इसके विरोध में दर्जनों गांव के ग्रामीण सड़क पर उतर आए। जिला प्रशासन और पुलिस पदाधिकारियों की ओर से लाख पहल किए जाने के बावजूद ग्रामीणों के जरिये कंपनी को काम करने के लिए सहमति प्रदान नहीं की गई। 12 घंटे तक लगातार ग्रामीण और अधिकारियों के बीच वार्ता चलती रही। अंततः देर शाम कंपनी के मालिक प्रणय अपने कर्मियों के साथ सिर्फ भूमि पूजन कर निकल गए थे। केदला वासरी से कोतरे गांव की तरफ घुसते ही हजारों की संख्या में ग्रामीण अधिकारियों को रोक कर बैठ गए थे। ना तो अधिकारियों की गाड़ी अंदर जा रही थी और ना ही कंपनी की गाड़ी और मशीन अंदर घुसने के लिए तैयार थी। लाख प्रयास के बावजूद मीनिंग करने के लिए कोई भी गाड़ी अंदर नहीं जा सकी।

सीसीएल कोतरे बसंतपुर पचमो ओपन कास्ट माइंस के लिए 1011.87 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर चुकी है। जितने ग्रामीणों की जमीनें गई थी, उसका मुआवजा भी सीसीएल दे चुका है। इस एरिया में काम करने के लिए हैदराबाद की केबीपी कंपनी ने टेंडर लिया था। वर्ष 2021 में टेंडर होने के बावजूद यहां काम शुरू नहीं हो पाया। इतने बड़े एरिया में काम करने के लिए ग्रामीण नौकरी और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को बताया कि सीसीएल ने रैयती जमीन का तो मुआवजा दे दिया है, लेकिन जो गैर मजरुआ जमीन ग्रामीणों के कब्जे में वर्षों से रहा है, उसपर कोई निर्णय नहीं हुआ है। नौकरी भी एक बड़ा मुद्दा है, जिस पर ना तो सीसीएल अपना पक्ष स्पष्ट कर रही है और ना ही जिला के अधिकारी कोई स्पष्ट बात कर रहे हैं। अगर यह मुद्दा ऐसे ही रहा तो कंपनी को काम करने नहीं दिया जाएगा।

रविवार को जब रामगढ़ जिले के तमाम अधिकारी भारी मात्रा में पुलिस फोर्स के साथ कोतरे बसंतपुर पचमो माइनिंग एरिया में भूमि पूजन करने पहुंचे, तो महिलाएं भी वहां पहले से मौजूद थी। ग्रामीणों को इस बात का अंदेशा था कि केबीपी कंपनी जबरन भूमि पूजन करने के लिए बल प्रयोग जरूर करेगी। इसीलिए गांव के पुरुष किनारे खड़े थे और सैकड़ो महिलाएं अधिकारियों को घेर कर बैठी थी। उनका स्पष्ट कहना था कि जब तक उन्हें लिखित तौर पर आश्वासन नहीं मिलता है और उनकी मांगों पर विचार नहीं होता है, वहां किसी भी तरह का काम करने की सहमति नहीं प्रदान की जाएगी।

एसडीओ अनुराग कुमार तिवारी ने बताया कि भूमि पूजन को लेकर विधि व्यवस्था भंग होने की संभावना थी। इसी वजह से कंपनी को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई गई। जिस जगह पर ग्रामीणों के साथ वार्ता की जा रही थी, वहां से 3.5 किलोमीटर अंदर माइनिंग पॉइंट चिह्नित किया गया है। उस स्थान पर रविवार की देर शाम भूमि पूजन किया गया है। ग्रामीणों ने मुआवजे और नौकरी के जिस मुद्दे को उठाया है उसे लेकर स्टेटमेंट छह तैयार किया जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश