रक्सौल में धूमधाम से निकली भगवान शिव की बारात

पूर्वी चंपारण,26 फरवरी (हि.स.)।
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर रक्सौल के प्रसिद्ध काली मंदिर से गाजे-बाजे के साथ भव्य रूप से भगवान शिव की बारात निकाली गई। जिसमे हजारो की संख्या में श्रद्धालु पूरे पूरे उमंग और श्रद्धा के साथ इस दिव्य आयोजन में शामिल हुए।
शिव जी बारात की भव्यता देखने लायक थी। जिसमें भगवान शिव को नवनिर्मित चांदी की पालकी पर सवार कराकर नगर भ्रमण कराया गया। इस दौरान श्रद्धालुओ के हर-हर महादेव के जयकारों से पूरे वातावरण भक्तिमय बना रहा।
बारात के दौरान महिलाएं सिर पर कलश लेकर भक्ति गीत गाते हुए चल रही थीं, जिससे पूरे रक्सौल शहर का माहौल आध्यात्ममय हो गया। शिव बारात नगर की परिक्रमा करते हुए बंगरी नदी तक पहुंची, जहां विशेष पूजन के बाद श्रद्धालुओं ने नदी से जल भरकर वापस काली मंदिर की ओर रुख किया। मंदिर पहुंचने के बाद भक्तों ने महादेव को जलाभिषेक कर अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
काली मंदिर के पीठाधीश्वर सेवक संजय नाथ ने बताया कि इस पावन धाम में महादेव की आठों पहर पूजा होती है, जो सुबह से शुरू होकर पूरी रात चलती है। इस दौरान भगवान शिव की भस्म आरती भी की जाती है, जिसे देखने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु हर साल शिवरात्रि पर विशेष रूप से मंदिर पहुंचते हैं। भस्म आरती के दौरान वातावरण में एक अनोखी ऊर्जा का संचार होता है, जो भक्तों के मन को शांति और भक्ति से भर देता है।
पीठाधीश्वर संजय नाथ ने बताया कि जिन भक्तों की कोई विशेष मनोकामना होती है, वे शिवरात्रि के दिन महादेव की आठों पहर पूजा करते हैं। ऐसा विश्वास है कि इस अनुष्ठान से भोलेनाथ अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।इस दिव्य आयोजन के दौरान पूरे शहर का माहौल शिवमय बना हुआ है। गया। शिव बारात में शामिल हुए लोगों ने कहा कि इस आयोजन में शामिल होकर असीम उर्जा की अनुभूति हो रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार