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महिला सशक्तिकरण के लिये सामाजिक जागरूकता की और अधिक जरूरत : मंत्री सारंग

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महिला सशक्तिकरण के लिये सामाजिक जागरूकता की और अधिक जरूरत : मंत्री सारंग


- खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीआईएस में यंग लीडर डायलॉग सत्र में हुए शामिल

भोपाल, 24 फरवरी (हि.स.)। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिये समाज को और अधिक जागरूक करने की जरूरत है। महिलाओं को स्वयं को कमजोर नहीं समझना चाहिए। उन्होंने कहा और कि महिला सशक्त होगी तो घर, समाज, देश सशक्त होगा। महिलाओं के बिना पुरुष भी अधूरा है।

मंत्री सारंग सोमवार को जीआईएस में विकसित भारत यंग लीडर डायलॉग के तहत महिलाओं को सशक्त बनने और अधिक सामाजिक संकेतकों में सुधार करना विषय पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन है कि वर्ष 2047 में भारत विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बने। इसमें महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उनके सशक्त होने से ही देश सशक्त होगा।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी अपनी मानसिकता बदलनी होगी, वृद्ध अपने आपको अबला न समझे। वह घर, परिवार, समाज और देश की निर्माता है। महिलाओं के बिना समाज की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती। प्राचीन समय में भी महिला प्रधान समाज हुआ करता था। हम जान, शक्त्ति और धन अर्जित करने के लिये माँ सरस्वती, माँ दुर्गा और माँ लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं। पिछले 75 वर्षों में महिलाओं की स्थिति पर विचार किया जाना चाहिए।

मंत्री सारंग ने कहा कि महिलाओं के लिए उनके वर्क प्लेस पर अनुकूल वातवरण बने। इसके लिये शासकीय और अशासकीय संस्थानों में विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। सारंग ने कहा कि महिला-पुरुष को अलग-अलग न मानते हुए सकरात्मक सोध के साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति महिला प्रधान रही है।

स्टील इनोवेशन प्रा.लि. की डायरेक्टर निधि अग्रवाल ने प्रत्येक संस्था में पुरुष एवं महिला नहीं हुनर के हिसाब से वेतन देने की बात कहीं। उन्होंने ग्रामीण और शहरी महिलाओं की परिस्थिति पर अलग-अलग विचार करने को कहा।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. प्रिया भाव चितावर ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर विचार करने को कहा। उन्होंने महिलाओं के वर्क प्लेस पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का सुझाव दिया।

मेजर अनिकेत चतुर्वेदी ने महिला सुरक्षा और उनके आत्म-विश्वास को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि मिट्टी सिस्टम के माध्यम से वे निःशुल्क महिलाओं को सशक्त बनाने का अभियान चला रहे है।

कार्यक्रम का संचालन वाथआई भोपाल की प्रमुख श्रद्धा सुहाने ने किया और कार्यक्रम के बारे में निशा, श्री हरिश और प्रखर दवे ने जानकारी दी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर