नागदा : संयुक्त कलेक्टर नीमच को जुर्माना के लिए शोकॉज नोटिस
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नागदा, 24 फ़रवरी (हि.स.)। स्वाधीनता संग्राम की 50वी वर्षगांठ पर मप्र शासन की योजना के तहत प्रकाशित एक स्मारिका की सूचना अधिकार में भा्रमक ,गलत एवं अधूरी जानकारी देने के एक मामले को मप्र राज्य सूचना आयोग भोपाल ने गंभीरता से लिया है। इस प्रकरण में आयोग ने एक अपील सुनवाई में तत्कालीन झाबुआ की लोकसूचना अधिकारी एवं इन दिनों दिनों संयुक्त कलेक्टर के पद पदस्थ प्रीति संघवी पर नामजद 25 हजार का जुर्माना करने के लिए शोकाज नोटिस जारी कर स्पष्ष्ठीकरण मांगा है। शोकाज में लिखा गया है कि क्यों ना जुर्माना से दंडित किया जाए। जवाब के लिए संयुक्त कलेक्टर को आयोग न्यायलय में व्यक्तिगत सुनवाई के लिए 27 फरवरी को तलब होने का आदेश जारी किया है।
सूचना आयोग ने यह कार्यवाही नागदा जिला उज्जैन के आरटीआई एक्टिविस्ट कैलाश सनोलिया की एक अपील सुनवाई के बादं यह निर्णय दिया। पीठसीन राज्य सूचना आयुक्त डॉ उमांशंकर पचौरी की पीठ के आदेश पर यह कार्यवाही हुई। इस प्रकरण में कलेक्टर झाबुआ जोकि प्रथम अपीलीय अधिकारी है उन्हें अपना पक्ष समर्थन रखने के लिए सूचना प्रेषित की है। इतना ही नहीं संयुक्त कलेक्टर झाबुआ अक्षयसिंह मरकाम को आयोग ने यह भी आदेशित किया हैकि सूचना अधिकारी में मांगी गई वास्विक जानकारियां सनोलिया को 15 दिनों की समय सीमा में अब निःशुल्क उपलब्ध कराए तथा इसकी पुष्टि के लिए अपना पालन प्रतिवेदन 27 फरवरी तक आयोग में प्रेषित करें।
यह है मामला-
मांगी गई जानकारी के अनुसार मप्र शासन ने वर्ष 1997-98 में स्वाधीनता आंदोलन में झाबुआ जिले का योगदान विषय पर एक पुस्तक प्रकाशित करने का निर्णय लिया था। इस कार्य के लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया था। इस पुस्तक का विमोचन 6 अगस्त 2000 को मप्र शासन के तत्कालीन प्रभारी मंत्री घनश्याम पाटीदार के हाथों हुआ। आवेदक ने कलेक्टर कार्यालय झाबुआ को 30 मार्च 2022 को प्रेषित एक सूचना अधिकार आवेदन में मप्र शासन द्धारा प्रकाशित इस स्मारिका की प्रति, उस पर आए खर्च, गठित कमेटी की बैठक की प्रोसिडिंग आदि की जानकारियां 10 बिंदु में मांगी थी।
हिन्दुस्थान समाचार / कैलाश सनोलिया