पर्यटन सहित सेक्टर विशेष और विषय विशेष पर होंगी समिट : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
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- मुख्यमंत्री ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन कई सत्रों को किया संबोधित
भोपाल, 25 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में ग्वालियर, जबलपुर, सागर, रीवा, नर्मदापुरम जैसे छोटे शहर भी अब औद्योगिक विकास के नए केंद्र बन रहे हैं। क्षेत्रीय स्तर पर हुई इन्वेस्टर समिट से प्रदेश में उद्योग व्यापार और रोजगार के लिए बेहतर वातावरण निर्मित करने में मदद मिली है। इसके साथ ही निवेशकों, उद्योगपतियों और प्रदेश के स्थानीय जन में परस्पर आत्मविश्वास भी बढ़ा है। निवेशकों और उद्योगपतियों को प्रदेश के छोटे शहरों में जाकर लगा कि इन स्थान में भी पर्याप्त आधोसंरचना और बेहतर जीवन जीने के संसाधन उपलब्ध हैं। वहीं स्थानीय निवासियों ने यह जाना कि प्रदेश के छोटे शहरों में बड़े निवेशकों, उद्योगपतियों को आकर्षित करने की क्षमता है और उनके शहरों में भी इन्वेस्टर समिट जैसी गतिविधियों का आयोजन सफलता पूर्वक किया जा सकता है। मुहासा- बाबई जैसे छोटे स्थान में औद्योगिक गतिविधियों का बड़े पैमाने पर विस्तार हो रहा है। संपूर्ण प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों का समान रूप से विस्तार करना प्रदेश में अलग-अलग स्थान पर इन्वेस्टर समिट आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य रहा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन पर्यटन व संस्कृति और अनलॉकिंग अर्बन लैंड वैल्यू पर केंद्रित सत्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इंदौर- नागदा- उज्जैन -देवास- मक्सी (शाजापुर)- पीथमपुर (धार) के लगभग 8000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को मिलाकर मेट्रोपॉलिटन के रूप में विकसित करने की योजना है। इसके लिए आवागमन के मार्ग, रेल नेटवर्क, बिजली, पानी, सफाई, सीवर लाइन जैसी मूलभूत व्यवस्थाओं को विकसित कर, आगामी 25 वर्ष में इस क्षेत्र को महानगर के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल- सीहोर- रायसेन- विदिशा आदि क्षेत्र को भी समन्वित रूप से मेट्रोपॉलिटन के रूप में विकसित करने की योजना है। इसके लिए विशेषज्ञों और जन सामान्य से सुझाव भी आमंत्रित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मेले का मतलब है मेल जोड़ बढ़ाना और इसमें पर्यटन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उज्जैन में 2028 में सिंहस्थ होने जा रहा है, उज्जैन में 3300 हेक्टेयर क्षेत्र में धार्मिक नगर विकसित करने की योजना है। इस क्षेत्र में महामंडलेश्वर, शंकराचार्य, साधु, संत, महंत आदि को स्थाई रूप से अपने आश्रम निर्मित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। जिसमें अन्न क्षेत्र के साथ-साथ स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि का संचालन किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पर्यटन को तीर्थाटन से जोड़ने की दिशा में उनके द्वारा विशेष पहल की गई है। राज्य सरकार भविष्य में पर्यटन तथा अन्य क्षेत्रों पर विशेष समिट का आयोजन करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में निरंतर प्रगति के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश के विशाल भौगोलिक विस्तार को देखते हुए प्रदेश की एविएशन नीति में बदलाव किया गया है। विमान सेवा को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार द्वारा इसेंटिव प्रदान कर जबलपुर, रीवा, सिंगरौली के यात्रियों को विमान सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही आयुष्मान योजना के माध्यम से जरूरतमंद मरीजों को विमान और हेलीकॉप्टर से निशुल्क एयर एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है। हेल्थ टूरिज्म के क्षेत्र में प्रदेश के आम आदमी के हित में राज्य सरकार द्वारा यह नवाचार किया गया है ।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश वन्य जीवों की दृष्टि से पर्याप्त संपन्न है। टाइगर, चीते, घड़ियाल आदि की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में सर्वाधिक टाइगर और तेंदुआ मध्य प्रदेश में है। चंबल विश्व की सबसे सुंदर और स्वच्छ नदियों में शामिल है, यहां पर्यटन को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। चंबल क्षेत्र में घड़ियालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इसी प्रकार प्रदेश में गिद्धों की भी संख्या पर्याप्त है। प्रदेश में टाइगर रिजर्व 7 से बढ़कर 9 हो गए हैं। विश्व विख्यात पुरातत्वविद डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर के नाम पर रातापानी टाइगर रिजर्व हाल ही में प्रारंभ हुआ है। माधव नेशनल पार्क 10 मार्च को लोकार्पित किया जाएगा। प्रदेश वन संपदा से भरपूर है, राज्य सरकार सभी प्रकार के पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जोधपुर में बन रहे लकड़ी के बेहतरीन फर्नीचर के लिए मध्यप्रदेश से लकड़ी उपलब्ध कराने के बारे में राजस्थान सरकार से एओयू करने का प्रस्ताव रखा । मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर केन बेतवा लिंक नदी जोड़ो परियोजना और काली सिंध पार्वती चंबल परियोजना का सफल क्रियान्वयन आरंभ हो रहा है, यह राज्यों के परस्पर मधुर संबंधों का श्रेष्ठ उदाहरण बनेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर