उमा भारती ने भोपाल में सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखी
उमा भारती की प्रेस कॉन्फ्रेंस
भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने हाल ही में भोपाल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश की चुनौतियों और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने भारत को एक हिंदू राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की आवश्यकता पर जोर दिया और गौरक्षा, शराबबंदी, लव जिहाद, और सिंहस्थ लैंड पूलिंग जैसे मुद्दों पर सरकार से गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया।
भ्रष्टाचार और असमानता की समस्या
उमा भारती ने पाकिस्तान को चुनौती नहीं मानते हुए भ्रष्टाचार और सामाजिक असमानता को देश की सबसे बड़ी समस्याएं बताया। उन्होंने किसानों, संगठनों और प्रशासनिक सुधारों के लिए कई सुझाव भी दिए।
गोपालन और पर्यावरण की सुरक्षा
उमा भारती ने कहा कि किसानों के गोपालन से गायों की रक्षा संभव है। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में गायों की मौत रोकने के लिए सड़क किनारों पर फेंसिंग की आवश्यकता बताई। इसके अलावा, उन्होंने नदियों के संरक्षण को पर्यावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और सरकार तथा समाज से इन मुद्दों पर मिलकर काम करने की अपील की।
शराबबंदी की आवश्यकता
उमा भारती ने शराबबंदी को अनिवार्य बताया और कहा कि इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा सकता है। उनका मानना है कि समाज धीरे-धीरे इस दिशा में आगे बढ़ रहा है और पूर्ण शराबबंदी से सामाजिक और पारिवारिक कल्याण में सुधार होगा।
सिंहस्थ लैंड पूलिंग पर आपत्ति
उन्होंने सिंहस्थ 2028 के लिए प्रस्तावित लैंड पूलिंग का विरोध किया और कहा कि इसे पहले की तरह ही आयोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि किसानों और संघ की मांगों को गंभीरता से लिया जाए।
लव जिहाद और धर्मांतरण
उमा भारती ने कहा कि यदि कोई लड़का धर्म छुपाकर लड़की से मिलता है और शादी के बाद धर्म परिवर्तन का दबाव डालता है, तो यह लव जिहाद है। हालांकि, उन्होंने अंतर्जातीय विवाह पर कोई आपत्ति नहीं जताई। उनका मानना है कि धर्मांतरण पर रोक लगनी चाहिए ताकि सामाजिक स्थिरता बनी रहे।
भारत की असली चुनौतियाँ
उमा भारती ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान कोई बड़ी चुनौती नहीं है। उनके अनुसार, देश के सामने सबसे बड़ा चैलेंज भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता है। उन्होंने समान अवसर और भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव पर टिप्पणी
उमा भारती ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को एक सरल और शिक्षित व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में आए निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारना आवश्यक है और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाना चाहिए। इसके साथ ही, प्रशासनिक सुधारों और विकास की गति को तेज करने की आवश्यकता है।
