छिंदवाड़ा में शिक्षक को भावुक विदाई समारोह
छिंदवाड़ा: एक शिक्षक की विदाई
छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में एक शिक्षक को रिटायरमेंट पर एक अद्भुत विदाई दी गई, जिसने सभी के दिलों को छू लिया। छिंदवाड़ा जिले के तामिया ब्लॉक के धोबीवाड़ा गांव में, प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मेघराज पराड़कर ने लगभग चार दशकों की सेवा के बाद रिटायरमेंट लिया। उनके लंबे शिक्षण कार्य और समुदाय के साथ उनके गहरे संबंध का सम्मान करने के लिए, ग्रामीण, छात्र और स्कूल के कर्मचारी एकत्र हुए।
सभी ने मिलकर एक भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया, जो रिटायरमेंट समारोह से अधिक विवाह समारोह जैसा प्रतीत हो रहा था। इस अवसर पर, शिक्षक को एक खूबसूरती से सजाए गए रथ पर बिठाया गया, जिसे दूल्हे की शादी की सवारी की तरह फूलों से सजाया गया था। बैंड और पारंपरिक ढोल की थाप पर खुशी से नाचते हुए, ग्रामीण पूरे गांव में उनके साथ एक रंगीन जुलूस में शामिल हुए।
गर्व के आंसू और प्यार का माहौल
शिक्षकों की आंखों में थे गर्व के आंसू
बच्चों ने उन पर फूल बरसाए, शिक्षकों की आंखों में गर्व के आंसू थे और पूरा वातावरण प्रेम, कृतज्ञता और संगीत से भर गया। यह कार्यक्रम स्थानीय जनपद सदस्य हरीश उइके के नेतृत्व में आयोजित किया गया, जिसमें स्थानीय नेताओं, छात्रों और ग्रामीणों की बड़ी संख्या ने भाग लिया। फूलों, मालाओं और भावभीनी मुस्कानों के बीच, मेघराज पराड़कर ने अपने छात्रों को अंतिम बार शिक्षक के रूप में संबोधित किया। उनका सजाया हुआ रथ वास्तव में लोगों के प्रति उनके सम्मान और स्नेह का प्रतीक था।
शिक्षण करियर की शुरुआत
कब की थी करियर की शुरुआत?
रिपोर्टों के अनुसार, मेघराज पराड़कर ने 1 अक्टूबर, 1987 को धोबीवाड़ा के इसी प्राथमिक विद्यालय से अपने शिक्षण करियर की शुरुआत की थी और 38 साल 10 महीने तक वहीं अध्यापन कार्य करते रहे। अपने पूरे करियर के दौरान, वे अपने कठोर अनुशासन और शिक्षा के प्रति अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते थे।
भावुक विदाई के पल
'यह प्यार देखकर मैं...'
विदाई के दौरान, भावुक पराड़कर ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, 'यह प्यार देखकर मैं अभिभूत हूं। शायद इतनी भीड़ गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस पर भी नहीं जुटती। मेरी बस यही इच्छा है कि हर माता-पिता अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें क्योंकि उनकी उपस्थिति ही गाँव के उज्ज्वल भविष्य की कुंजी है।'
