मध्य प्रदेश के स्कूल में मिड-डे मील परोसे जाने का विवाद
स्कूल में मिड-डे मील परोसे जाने का वीडियो वायरल
मध्य प्रदेश के हुल्लपुर गांव के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील को कागज की चादरों पर परोसे जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। इस घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत जांच शुरू की और संबंधित स्वयं सहायता समूह का अनुबंध रद्द कर दिया।
प्रधानाध्यापक का निलंबन और राजनीतिक प्रतिक्रिया
स्कूल के प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला करते हुए इसे 'विकास का भ्रम' बताया।
वीडियो से मचा हड़कंप
4 नवंबर को वायरल हुए वीडियो में बच्चे स्कूल परिसर में कागज की चादरों पर खाना खाते हुए दिखाई दिए। जांच में पता चला कि उस दिन स्कूल के बर्तन धोने वाले कर्मचारी अनुपस्थित थे, जिसके कारण स्टाफ ने मजबूरी में कागज पर खाना परोस दिया। इस लापरवाही के बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपी और कार्रवाई की सिफारिश की।
स्वयं सहायता समूह का अनुबंध रद्द
मिड-डे मील की जिम्मेदारी 'जय संतोषी मां स्वयं सहायता समूह' को दी गई थी। समिति ने पाया कि समूह ने निगरानी और सफाई में लापरवाही की है, जिसके चलते 6 नवंबर को अनुबंध रद्द कर दिया गया। हुल्लपुर के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को निलंबित किया गया है।
राहुल गांधी का बयान
आज मध्य प्रदेश जा रहा हूं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 8, 2025
और जब से ये खबर देखी है कि वहां बच्चों को मिड-डे मील अख़बार पर परोसा जा रहा है, दिल टूट सा गया है।
ये वही मासूम बच्चे हैं जिनके सपनों पर देश का भविष्य टिका है, और उन्हें इज़्ज़त की थाली तक नसीब नहीं।
20 साल से ज्यादा की BJP सरकार, और बच्चों की थाली… pic.twitter.com/ShQ2YttnIs
राहुल गांधी ने अपने एक्स अकाउंट पर वीडियो साझा करते हुए लिखा कि बीजेपी सरकार के 20 सालों में बच्चों की थाली तक छीन ली गई है। उन्होंने कहा कि 'विकास' केवल एक भ्रम है और असलियत में सरकार की व्यवस्था बच्चों की गरिमा छीन रही है।
जांच के आदेश और निगरानी व्यवस्था
जिला प्रशासन ने इस घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। शिक्षा विभाग ने सभी क्लस्टर अकादमिक समन्वयकों को मासिक निरीक्षण सख्ती से करने के निर्देश दिए हैं। अब ब्लॉक और जिला स्तर के अधिकारी हर महीने कम से कम पांच स्कूलों का रैंडम निरीक्षण करेंगे।
भविष्य में सुधार के कदम
अधिकारियों ने बताया कि अब मिड-डे मील की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) को सौंप दी गई है। उप-मंडल अधिकारी साप्ताहिक समीक्षा करेंगे, जबकि जिला पंचायत के सीईओ पूरे जिले की निगरानी करेंगे। प्रशासन का कहना है कि इस घटना ने बड़ी सीख दी है और अब हर बच्चे को सुरक्षित, स्वच्छ और पौष्टिक भोजन दिलाने की दिशा में सख्त कदम उठाए जाएंगे।
