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ममता बनर्जी ने शुरू किया दुर्गा पूजा का उद्घाटन, कहा - बंगाल में सालभर मनाए जाते हैं कई त्योहार

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ममता बनर्जी ने शुरू किया दुर्गा पूजा का उद्घाटन, कहा - बंगाल में सालभर मनाए जाते हैं कई त्योहार


कोलकाता, 2 अक्टूबर (हि.स.) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि राज्य की संस्कृति सालभर विभिन्न त्योहारों को मनाने की रही है, और इन आयोजनों में समावेशिता को बढ़ावा दिया जाता है। उनका यह बयान उस समय आया जब आरजी कर बलात्कार-हत्या मामले के विरोध में कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा दुर्गा पूजा का बहिष्कार करने की मांग की जा रही थी।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बाबू बागान कम्युनिटी दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन करने के अवसर पर बोल रही थीं। यह उद्घाटन 'महालय' के दिन किया गया, जो दुर्गा पूजा की शुरुआत का प्रतीक है। इस दौरान ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' के विशेष पूजा संस्करण का भी विमोचन किया।

ममता बनर्जी ने कहा, कई लोग पूछ रहे हैं कि हम त्योहारों में क्यों शामिल हो रहे हैं? उन्हें समझना चाहिए कि पश्चिम बंगाल की संस्कृति पूरे साल उत्सवों से भरी रहती है। हम मानते हैं कि इन त्योहारों में सभी को साथ लेकर चलना चाहिए।

दुर्गा पूजा से पहले जूनियर डॉक्टरों द्वारा 'पूर्ण हड़ताल' फिर से शुरू करने की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा था कि लोग सालभर दुर्गा पूजा का इंतजार करते हैं। उन्होंने कहा, राज्य के लोग पूरे साल दुर्गा पूजा के त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं। बंगाल में दुर्गा पूजा से त्योहारों का मौसम शुरू होता है। इसके बाद दीवाली, काली पूजा और छठ पूजा आती है। यह उत्सवों का सिलसिला दिसंबर में क्रिसमस तक जारी रहता है।

इससे एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डॉक्टरों को अपने आवश्यक कर्तव्यों, जिसमें इन-पेशेंट और आउट-पेशेंट सेवाएं शामिल हैं, का पालन करना चाहिए। इसके बावजूद पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों ने मंगलवार को अपनी 'पूर्ण हड़ताल' फिर से शुरू कर दी, जिसमें राज्य सरकार से अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने सहित कई मांगें की गईं।

इससे पहले हड़ताल का पहला चरण 42 दिनों तक चला था, जो 20 सितंबर को समाप्त हुआ था। तब ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की थी, यह कहते हुए कि राज्य के लोग पूरे साल दुर्गा पूजा का इंतजार करते हैं।

उल्लेखनीय है कि जूनियर डॉक्टरों का यह आंदोलन नौ अगस्त को शुरू हुआ था, जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार कक्ष में एक जूनियर डॉक्टर का शव मिला था। बलात्कार के बाद उसकी हत्या की गई थी।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर