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एमसीडी में हंगामा, पारित हुए दो प्रस्ताव, भाजपा ने कहा- कार्यवाही अवैध

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एमसीडी में हंगामा, पारित हुए दो प्रस्ताव, भाजपा ने कहा- कार्यवाही अवैध


नई दिल्ली, 25 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली नगर निगम की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (आआपा) ने मंगलवार को एक साथ 12 हजार कर्मचारियों को पक्का करने और हाउस टैक्स माफ कराने से जुड़े दो अहम प्रस्ताव सदन में पारित करा दिए। विपक्षी दल भाजपा का आरोप है कि सदन को समय से पूर्व संचालित कर निगमायुक्त की गैर मौजूदगी में ऐसा किया गया।

दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक आज दो बजे से निर्धारित थी। आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि सदन में उसकी ओर से लाए गए दो प्रस्ताव पारित कर दिए गए जबकि भाजपा ने कहा कि सदन की यह कार्रवाई अवैध तरीके से चलाई गई। इस मुद्दे पर सदन में हंगामा भी हुआ।

मेयर महेश कुमार खिंची ने मंगलवार को एमसीडी के सदन में हुए हंगामे के बाद प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया। इस मौके पर डिप्टी मेयर रविंद्र भारद्वाज और नेता सदन मुकेश गोयल भी मौजूद थे। मेयर ने कहा कि आम आदमी पार्टी जनता से किए वादों को पूरा करने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि भाजपा के हंगामे के बावजूद एक सौ गज या इससे कम एरिया में बने मकानों के लिए हाउस टैक्स पूरी तरह से माफ करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। इसके तहत समय से हाउस टैक्स जमा करने पर एक सौ से पांच सौ गज के मकानों पर 50 फीसद और 13 सौ रिहायशी सोसायटी को भी हाउस टैक्स में 25 फीसद की छूट मिलेगी। मेयर ने बताया कि सदन की बैठक में भाजपा द्वारा किए गए हंगामे में दो ऑन टेबल प्रस्ताव भी पास कर दिए गए हैं। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही अगली बैठक तक के लिए स्थगित की गई।

नेता सदन मुकेश गोयल ने बताया कि सदन में 70 से ज्यादा पार्षद आम आदमी पार्टी के थे और इस प्रकार बैठक चलाने के लिए कोरम पूरा था। उन्होंने कहा कि बैठक समय पर शुरू हुई और हर बार की तरह इस बार भी हंगामे की भेंट चढ़ गयी। उन्होंने कहा कि हम जनता को सुविधा देने की बात कर रहे थे। भाजपा अगर जनता के हितों से सरोकार रखती तो उनको भी हमारे साथ इन प्रस्तावों का समर्थन करना चाहिए था लेकिन इसके विपरीत उन्होंने हंगामा किया।

उधर, भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने सदन को अवैध रूप से संचालित किया है। विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह ने इस संबंध में निगमायुक्त को पत्र लिखकर आज की सदन की कार्यवाही को अमान्य घोषित करने की मांग की है। राजा इकबाल सिंह ने एमसीडी कमिश्नर को लिखे पत्र में डीएमसी एक्ट 1952 का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि मेयर ने सदन को अधिनियम का उल्लंघन करते हुए अवैध तरीके से संचालित किया है। बैठक 2:00 बजे होनी थी जबकि आम आदमी पार्टी के 25-30 पार्षदों की उपस्थिति में 1.50 बजे ही कार्यवाही को प्रारंभ कर दिया गया। कानून के प्रावधानों के अनुसार निगमायुक्त का सदन में होना अनिवार्य है लेकिन निगमायुक्त की अनुपस्थिति में सदन की प्रक्रिया संचालित की गई। इस दौरान कोई भी विपक्षी भारतीय जनता पार्टी का सदस्य उपस्थित नहीं था।

उन्होंने कहा कि सदन में प्रस्तावों को एक-एक करके पास किया जाना चाहिए जबकि यह एजेंडे के तौर पर सभी एक साथ पास कर दिए गए। इसके अलावा आम आदमी पार्टी एमसीडी में बहुमत खो चुकी है, ऐसे में उन्होंने अपने नेतृत्व में आखिरी बैठक का इस्तेमाल कर लोकलुभावन घोषणाएं की हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी