मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सामाजिक न्याय की स्थापना की: विबोध
जम्मू, 2 अगस्त (हि.स.)। भाजपा जम्मू-कश्मीर के महासचिव और पूर्व एमएलसी विबोध गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों में जश्न की लहर है क्योंकि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उन्हें राज्य की भूमि पर मालिकाना हक प्रदान किया है।
विबोध गुप्ता ने कहा कि यह निर्णय जम्मू-कश्मीर में हजारों शरणार्थी परिवारों को सशक्त करेगा। यह उन परिवारों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है जो दशकों से मालिकाना हक की मांग कर रहे थे। उन्होंने पूर्व उप महापौर बलदेव सिंह बिलौरिया और वरिष्ठ भाजपा नेता पंडित अशोक खजूरिया के साथ भोर कैंप में पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थी बस्ती में मिठाई बांटी और अपनी मांग पूरी होने का जश्न मनाया।
विबोध ने पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों की स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव पर प्रकाश डाला जिन्हें कभी बुनियादी मानवीय और मौलिक अधिकारों से वंचित रखा जाता था और उन्हें विधानसभा या स्थानीय निकाय चुनावों में भाग लेने से वंचित रखा जाता था। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और मालिकाना हक दिए जाने के बाद इन शरणार्थियों को अब जम्मू-कश्मीर के सच्चे निवासियों के रूप में मान्यता मिल गई है जो वास्तविक अधिकारों और सम्मानजनक जीवन का आनंद ले रहे हैं।
विबोध ने कहा कि सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास के दृष्टिकोण ने विकास संबंधी असंतुलन को दूर किया है और जम्मू-कश्मीर को त्वरित और समावेशी विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है जिससे दो दशक के बाद सामाजिक न्याय का युग स्थापित हुआ है।
विबोध ने पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के साथ उनके कठोर और अन्यायपूर्ण व्यवहार के लिए लगातार कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी सरकारों की तीखी आलोचना की। उन्होंने इन पार्टियों की उनकी बुनियादी मांगों की अनदेखी करने और उन्हें बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित करने की निंदा की जिसके कारण उन्हें लगातार पीड़ा और दुख सहना पड़ रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह / बलवान सिंह