महादेव की बरात में शामिल होंगे नागा व कंकालधारी साधु
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धमतरी, 24 फ़रवरी (हि.स.)। जिलेभर के शिवालयों में महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी क्रम में शहर के इतवारी बाजार स्थित ऐतिहासिक बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर में विविध कार्यक्रम हो रहे हैं। बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट की अगुवाई में 25 फरवरी को शिवजी की शाही बरात निकाली जाएगी। जिसमें बनारस से डमरू वाले अघोरी बाबा की टीम शामिल हो रही है।
प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी किले के बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर ईतवारी बाजार धमतरी में महाशिवरात्रि पर्व पर पांच दिवसीय धार्मिक आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत 24 फरवरी को मंगल गीत का आयोजन हुआ। आज 25 फरवरी को सुबह पांच बजे से 26 फरवरी सुबह पांच बजे तक 24 घंटे का जलाभिषेक बोल बम कांवरिया संघ के द्वारा सम्पन्न होगा। सुबह साढ़े पांच बजे मंगल आरती एवं दर्शन, तथा दोपहर 12.30 बजे भोग एवं आरती, तथा शाम चार बजे दिव्य स्वरूप श्रृंगार दर्शन रात आठ बजे महाआरती एवं भोग रात्रि 11.30 बजे महाश्रृंगार मंगल आरती एवं रात्रि 12 बजे के पश्चात् रूद्री अभिषेक आयोजित है। महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में 25 फरवरी को ओएमजी ग्रुप धमतरी द्वार गोशाला मैदान में दोपहर 12 बजे से प्रसादी भण्डारा का आयोजन किया गया है। तत्पश्चात शिवजी की बरात शाम चार बजे से विंध्यवासिनी मंदिर से प्रारंभ होकर बालक चौक होते हुए छत्रप्रति शिवाजी चौक से होकर बनियापारा होते हुए बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर ईतवारी बाजार में समापन होगा। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व एवं शाम सात बजे मंदिर परिसर में भजन संध्या का आयोजन किया गया है। भजन संध्या में हिमांचल प्रदेश के प्रसिद्ध गायक सौरभ अत्री की प्रस्तुति होगी बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों व सदस्यों ने श्रद्धालुओं से उप स्थिति की अपील की है।
वर्षों पुराने बूढ़ेश्वर महादेव का स्वरूप हर दिन बदलता है: इतवारी बाजार स्थित बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर 13 सौ वर्ष पुराना है। मंदिर को भव्य रूप देने निर्माण कार्य जारी है। बूढ़ेश्वर महादेव को उनके भक्त हर दिन अलग स्वरूप देते हैं। कभी फूल, फल, बिस्किट, नारियल, मिठाई सहित अन्य सामग्रियों से सजावट करते हैं। रोज रात आठ बजे मंदिर में महादेव की विशेष आरती होती है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं।
भोलेनाथ की बरात में ये आकर्षण होंगे: बनारस से डमरू वाले अघोरी बाबा की टीम पहुंचेगी। बरात में बाबा सांप, डमरू सहित अन्य हथियार लेकर थिरकेंगे। बनारस से ही एक अन्य झांकी पहुंच रही है। इसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की झांकी होगी। शेर पर चढ़कर नर्तक दुर्गा रूप में नृत्य करेंगे। कलकत्ता से कंकालधारी साधु पहुंच रहे हैं। साधु कंकालों को माला के रूप में धारण कर बरात में थिरकते चलेंगे। नागा साधु, शहर की झांकियां, डीजे, धुमाल, घोड़ी ग्रुप शामिल होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा